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पीएम ने परीक्षा में तनाव मुक्त रहने की दी प्रेरणा : लक्ष्मीप्रिया

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित परीक्षा पे चर्चा - 2020 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूबरू होकर राजनगर की बिटिया लक्ष्मीप्रिया पति के हौसले बुलंद हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:11 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 11:11 PM (IST)
पीएम ने परीक्षा में तनाव मुक्त रहने की दी प्रेरणा : लक्ष्मीप्रिया
पीएम ने परीक्षा में तनाव मुक्त रहने की दी प्रेरणा : लक्ष्मीप्रिया

जासं, सरायकेला/राजनगर : दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित परीक्षा पे चर्चा - 2020 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूबरू होकर राजनगर की बिटिया लक्ष्मीप्रिया पति के हौसले बुलंद हैं। अब उनके मन से परीक्षा का भय लगभग खत्म हो गया है। वे खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आमने-सामने मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। लक्ष्मीप्रिया पति राजनगर प्रखंड क्षेत्र के बीएलएन प्लस टू हाईस्कूल ईचा की कक्षा दसवीं की छात्रा हैं। दूरभाष पर बात कर अपने अनुभव साझा किए। बताया कि परीक्षा के तनाव को लेकर जो भी हमारे अंदर सवाल हैं। उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से समझाया। कहानियों के जरिए बताया किस तरह हमें जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। किस तरह जीवन में खुद को तनाव मुक्त रखना चाहिए। प्रधानमंत्री जी की उस बात से मुझे बहुत अधिक प्रेरणा मिली और मेरे अंदर से परीक्षा का तनाव लगभग खत्म हुआ कि परीक्षा एक खिड़की-दरवाजे की तरह है। जिसे पार करके हमें आगे बढ़ना है। लेकिन इसके लिए हमको अपने जीवन में कभी भी कुछ बनने के सपने नहीं पालने चाहिए। कुछ बनने के सपने ही हमें परीक्षा में तनाव देते हैं। हम इसके बजाय कुछ करने के सपने पालें तो बेहतर कर सकते हैं। परीक्षा की टेंशन नहीं लेनी चाहिए। सिर्फ पेपर ही सबकुछ नहीं होता है। परीक्षा में मा‌र्क्स से अलग भी एक जीवन है जो हमको जीना है। परीक्षा के आगे भी जीवन है। आगे बहुत सारे रास्ते हैं। इसलिए असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए। अपने अंदर जीवनपर्यंत विद्यार्थी को जिदा रखना चाहिए।

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वहीं लक्ष्मीप्रिया के गांव ईचा में भी खुशी का माहौल है। पिता सत्यकिकर पति एवं माता पुरवी पति काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि उनकी एक बात ने दिल छू लिया। जिसमें उन्होंने कहा कि जब बच्चा छोटा होता था, तब मां-बाप उसको उत्साहित करते थे। लेकिन अब भी ऐसा ही होना चाहिए। किसी भी बच्चे पर प्रेशर नहीं बनाना चाहिए। जिनके साथ बच्चा कम्फर्ट होता है, उसे बात करना जरूरी है। आज से हम भी कभी बच्चों को उनकी इच्छा के विपरीत अपनी महत्वाकांक्षाएं नहीं थोपेंगे। हर अविभावक बच्चों से दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए।


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