2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड शामिल करने की मांग, राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की जिला कमेटी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। कमेटी के सदस्य यदु नाथ मार्डी दुर्गा चरण टूडू व जितेंद्र हेंब्रम ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि देश के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद-342 के तहत जाति का दर्जा प्राप्त है। परंतु अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की मान्यता अब तक लंबित है..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की जिला कमेटी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। कमेटी के सदस्य यदु नाथ मार्डी, दुर्गा चरण टूडू व जितेंद्र हेंब्रम ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि देश के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद-342 के तहत जाति का दर्जा प्राप्त है। परंतु अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की मान्यता अब तक लंबित है। आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान व हिस्सेदारी के लिए धर्म की मान्यता अनिवार्य है। आदिवासियों के सरना धर्म कोड का मुद्दा उनके मौलिक अधिकार के साथ-साथ मानवीय अधिकार का भी मामला है। उन्होंने इस मामले पर अविलंब विचार कर नवंबर माह तक सकारात्मक फैसला लिए जाने की मांग की है। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल नहीं किए जाने पर आदिवासी सेंगेल अभियान नौ दिसंबर को अन्य संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी रेल व रोड चक्का जाम जैसे आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं दिए जाने के कारण आदिवासियों को लोभ, लालच समेत कई प्रकार के प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है।