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सफर की आपाधापी में खत्म हो गया जिंदगी का सफर

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सफर की आपाधापी में एक अधेड़ की जिंदगी का सफर रूक गया। यात्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 05:21 PM (IST)
सफर की आपाधापी में खत्म हो गया जिंदगी का सफर
सफर की आपाधापी में खत्म हो गया जिंदगी का सफर

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सफर की आपाधापी में एक अधेड़ की जिंदगी का सफर रूक गया। यात्री वाहन में नीचे जगह नहीं मिलने पर भीषण गर्मी में टाटा मैजिक की छत पर सफर करने से सरायकेला सदर अस्पताल में अधेड़ पूरण चंद्र की मौत हो गई। मृतक पूरण चंद्र यात्री वाहन की छत पर बैठ कर खरसावां जा रहे थे। 50 किलोमीटर दूरी तय करने के बाद अचानक पूरण चंद्र को चक्कर आ गया। उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

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मृतक के भतीजा हरीश ने बताया कि जमशेदपुर के काशीडीह से 55 वर्षीय चाचा पूरण चंद्र के साथ सुबह करीब 11 बजे अपने घर से खरसावां जाने के लिए निकले थे। जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित बस स्टैंड से टाटा मैजिक वैन की छत पर सवार हुए। वैन के अंदर जगह नहीं होने के कारण पूरण चंद्र वैन की छत पर सवार हो गए। करीब डेढ़ घंटे सफर करने के बाद सरायकेला बस स्टैंड पहुंचे। यहां खरसावां के बेगनाडीह गांव जाने के लिए दूसरे टाटा मैजिक वाहन पर सवार हुए, लेकिन यहां भी उन्हें वैन के छत पर ही सवार होना पड़ा। यहां से खरसावां के बुरूडीह गांव पर रोड किनारे वैन से उतरे, जहां से उन्हें करीब दो किलोमीटर दूर बेगनाडीह गांव पैदल जाना था, लेकिन उससे पहले वहीं हरि मंदिर के समीप अचानक चक्कर आने से गिर गए। इसकी सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों की मदद से चाचा को सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

भतीजा हरीश ने बताया कि खरसावां के बेगनाडीह में उनके बहन की सास का श्राद्धकर्म हो रहा है। तेज धूप रहने के कारण ही चाचा की मौत हुई है। चाचा का पूरा शरीर पसीने से तर-बतर था। यात्री वाहन में नीचे जगह नहीं मिलने के कारण मजबूरी में छत पर बैठकर सफर करना पड़ा। पूरण चंद्र की मौत की सूचना पाकर उनके परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। मृतक को दो अविवाहित बेटी है।

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यदि अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत होती है तो मौत का कारण बताया जा सकता है। लेकिन बाहर मौत होने के बाद इसका कारण बताना मुश्किल है। मृतक पूरण चंद्र की मौत पर कुछ नहीं बताया जा सकता है, लेकिन कड़ी धूप में वाहन की छत पर लंबी सफर करने कही जा रही है। इससे लू लगने की ज्यादा संभावना है।

डॉ. प्रियरंजन, उपाधीक्षक - सदर अस्पताल सरायकेला


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