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ओत गुरु कोल लाको बोदरा की मनाई गई पुण्यतिथि

हो भाषा के जनक एवं संरक्षक ओत गुरु कोल लाको बोदरा की मनाई गई पुण्यतिथि

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 04:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 04:01 AM (IST)
ओत गुरु कोल लाको बोदरा की मनाई गई पुण्यतिथि
ओत गुरु कोल लाको बोदरा की मनाई गई पुण्यतिथि

ओत गुरु कोल लाको बोदरा की मनाई गई पुण्यतिथि

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संवाद सूत्र, सरायकेला : बुधवार को बड़बिल गांव स्थित आदिवासी कला-संस्कृति भवन में आदिवासी हो महासभा की ओर से ओत गुरु कोल लाको बोदरा की पुण्यतिथि मनाई गई। इस क्रम में कला भवन परिसर में स्थापित गुरु लाको बोदरा की आदमकद मूर्ति पर पारंपरिक तरीके से श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, हो महासभा युवा अध्यक्ष विष्णु बानरा, मुंडा-मानकी परिषद के अध्यक्ष कोल झारखंड बोदरा, हो महासभा युवा जिला सचिव हरिचरण सोय, सरना फिल्म के डायरेक्टर सावन सोय समेत महासभा के अन्य पदाधिकारी, सदस्य व समाज के बुद्धिजीवियों ने मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कोल गुरु लाको बोदरा के बताए मार्ग पर चलते हुए सामाजिक एकता के साथ विकास की बढ़ने की बात कही। कहा, समाज का शैक्षणिक विकास भी आवश्यक है। साथ ही अपनी भाषा-संस्कृति का संरक्षण करना भी आवश्यक है। आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिलाध्यक्ष विष्णु बानरा ने कहा कि ओत गुरु लाको बोदरा ने समाज को अमूल्य संपत्ति की तर्ज पर भाषा की लिपि वारंग क्षिति लिपि दी है। हमें घर-घर इस लिपि का प्रचार-प्रसार कर नई पीढ़ी को सीखने के लिए प्रेरित करना है। मौके पर उपस्थित समाज के सदस्यों ने संकल्प लिया कि समाज में अपनी भाषाई लिपि का प्रचार-प्रसार कर उसे विकसित करना है।


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