Online Fraud: इन सरकारी योजना के नाम पर बैंक एकाउंट हो रहे खाली, ऐसे दे रहे साइबर अपराधी ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम
सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को जनता के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से भेजा जा रहा है। खाते में पैसे जमा और निकासी के लिए आधारित फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल हो रहा है और इस तरह के वित्तीय लेनदेन ने लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है लेकिन साइबर अपराध इन रुपये पर अपना हाथ फेर रहे हैं। लोग आए दिन साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
संवाद सूत्र, राजनगर। Online Fraud: 21वीं सदी डिजिटल युग का है। मोबाईल, कम्प्यूटर के इस जमाने में डिजिटल प्लेटफॉर्म में वित्तीय लेनदेन का चलन तेजी से बढ़ा है। सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को जनता के खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जा रहा।
खाते में पैसे जमा करने, निकासी करने के लिए आधार आधारित फिंगरप्रिंट का प्रयोग हो रहा है। जहां इस तरह के वित्तीय लेनदेन ने लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है। वहीं साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आए दिन साइबर ठगी के शिकार लोग हो रहे हैं।
आधा दर्ज लोगों को बना चुके हैं शिकार
साइबर अपराधी अब भोली-भाली जनता को ठगने के लिए सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों को कॉल कर रहे हैं। राजनगर व खरसावां में सुखाड़ राहत, पीएम सम्मान किसान निधि योजना के नाम पर साइबर ठगों ने आधा दर्जन लोगों को अपना शिकार बना लिया।
राजनगर के गुढ़ा गांव के शिबू सोरेन, राजनगर रूंगटा न्यू कलोनी निवासी तुलसी दास प्रधान, राजनगर के कोलाबड़िया निवासी राजेश कुमार विशाईं के एकाउंट से साइबर ठगो ने रुपयों की निकासी कर ली। स्थानीय थाना में भी शिकायत की है।
मामले की शिकायत मिलने पर राजनगर बीडीओ मलय कुमार ने इसे गंभीरता से लिया और लोगों को साइबर ठग के झांसे में नहीं पड़ने की अपील की है।
ऐसे की जाती है ठगी
साइबर ठगों के पास जिले से सुखाड़ राहत योजना व पीएम किसान सम्मान निधि की पूरी लिस्ट है। आवेदक के मोबाईल नंबर पर कॉल आता है और कहा जाता है कि वे अमुख ब्लॉक या जिला से बोल रहे हैं।
पूछते हैं कि आपने सुखाड़ राहत योजना का फॉर्म भरा था और जिन लाभुकों ने उक्त योजना का फॉर्म भरा था तो वे स्वाभाविक रूप से सरकारी लाभ मिलने की बात सुन खुशी-खुशी हां बोल देते हैं। तभी ठग उन्हें अपने जाल में फंसाते हुए कहते हैं कि उनके बैंक खाते में रुपये नहीं जा रहे हैं।
फिर उनका आधार नंबर लेते हैं और उन्हें एक लिंक भेजा जाता है। लिंक पर क्लिक करने के बाद साइबर ठग एक ओटीपी भेजते हैं। जैसे ही पीड़ित ओटीपी फोन करने वाले साइबर ठग के बताते हैं पीड़ित के एकाउंट से राशि निकल जाती है।
कल्याणकारी योजनाओं ब्लॉक व अंचल का कोई कर्मी नहीं मांगता कोई जानकारी
किसी के एकाउंट से 20 हजार तो किसी के एकाउंट से डेढ़ लाख रुपये तक की राशि निकल चुकी है। राजनगर के बीडीओ मलय कुमार किसी भी म फोन पर आपके बैंक अकाउंट से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं मांगता है।
अगर कोई कॉल कर एकाउंट की जानकार मांगता है तो उस पर विश्वास न करें और न ही कोई लिंक दबाएं। अपने एकाउंट और आधार की जानकारी बिल्कुल साझा न करें।
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