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सहायक शिक्षिका ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

गम्हरिया प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रायबासा की शिक्षिका राधा पूर्ति ने चार मई को आदित्यपुर थाना में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन कुमार पात्रा के खिलाफ जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने व दु‌र्व्यवहार करने की शिकायत दर्ज कराई थी..

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:10 AM (IST)
सहायक शिक्षिका ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार
सहायक शिक्षिका ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

जागरण संवाददाता, सरायकेला : गम्हरिया प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रायबासा की शिक्षिका राधा पूर्ति ने चार मई को आदित्यपुर थाना में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन कुमार पात्रा के खिलाफ जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने व दु‌र्व्यवहार करने की शिकायत दर्ज कराई थी। शनिवार को उन्होंने इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक मो. अर्शी से मुलाकात की और बीईईओ ऑफिस के अनुसेवक गणेश गोप के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग की ऑडियो क्लिप का सीडी सौंपी है। रिकॉर्डिग में अनुसेवक द्वारा बीईईओ व उच्चाधिकारियों से काम कराने के नाम पर रुपये मांगने का सबूत दिया गया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। क्या है मामला : 2018-19 में सहायक शिक्षिका राधी पूर्ति की सेवा पुस्तिका गुम हो गई थी। उसके बाद उन्होंने द्वितीय सेवा पुस्तिका के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गम्हरिया को आवेदन दिया था। आठ अप्रैल 2021 को सहायक शिक्षिका राधा पूर्ति द्वितीय सेवा पुस्तिका की वास्तविकता जानने के लिए गम्हरिया बीईईओ के कार्यालय पहुंची थीं। इस दौरान बीईईओ ने आक्रोशित होकर सहायक शिक्षिका राधा पूर्ति को जातिसूचक शब्द से संबोधित करते हुए न सिर्फ अपमानित किया था, बल्कि पदाधिकारियों को मैनेज करने के नाम पर पैसे देने की बात कही थी। आदिवासी समाज ने सहायक शिक्षिका किया समर्थन : इस मामले को लेकर खेरवाल सांवता जाहेरगाढ़ समिति कलिकापुर ने सहायक शिक्षिका का समर्थन किया है। समिति के महासचिव उदय मार्डी की अध्यक्षता में शनिवार को इस मामले को लेकर सरना उमूल में बैठक की गई। बैठक में गम्हरिया प्रखंड के बीईईओ कानन कुमार पात्र के भ्रष्ट आचरण व आदिवासी शिक्षिका के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार की निंदा की गई। समिति के सचिव गोमरा माझी ने कहा कि आदिवासी शिक्षिका के इस प्रकार का व्यवहार किया जाना हेमंत सरकार की प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है। उन्होंने यथाशीघ्र एफआइआर दर्ज कर संबंधित बीईईओ को निलंबित करने की मांग की। समिति के उपाध्यक्ष सोखेन हेंब्रम ने कहा कि शिक्षकों को प्रताड़ित कर मुद्रा मोचन करना संबंधित बीईईओ का इतिहास रहा है। परंतु अब तक संबंधित बीईईओ के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना प्रशासनिक विफलता है। उन्होंने कहा कि 15 दिनों के अंदर इस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं किया गया या निलंबित नहीं किया गया तो आदिवासी समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में हेमंत मार्डी, कोदा बेसरा, गोम्हा हांसदा, चैतन्य मुर्मू, देव मार्डी समेत कई सदस्य उपस्थित थे।

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