..और चट्टान में तब्दील हो गया माता का मंदिर
सरायकेला-खरसावां जिले में आखान यात्रा का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दूसरे दिन अर्थात 15 जनवरी को स्थानीय लोग उत्साह के साथ आखान यात्रा मनाते हैं। आखान यात्रा के दिन खरसावां के प्रसिद्ध देवी स्थल माता आकर्षिणी के मंदिर में हजारों भक्त व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। आखान यात्रा पर माता आकर्षिणी के मंदिर में हर व्यक्ति माथा टेक नए व शुभ कार्य का आगाज करता है..
संवाद सूत्र, खरसावां : सरायकेला-खरसावां जिले में आखान यात्रा का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दूसरे दिन अर्थात 15 जनवरी को स्थानीय लोग उत्साह के साथ आखान यात्रा मनाते हैं। आखान यात्रा के दिन खरसावां के प्रसिद्ध देवी स्थल माता आकर्षिणी के मंदिर में हजारों भक्त व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। आखान यात्रा पर माता आकर्षिणी के मंदिर में हर व्यक्ति माथा टेक नए व शुभ कार्य का आगाज करता है। इस दिन सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा व बंगाल के हजारों भक्त पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं।
रहस्य से कम नहीं है चट्टंाननुमा मंदिर : क्षेत्र में प्रचलित एक कथा के अनुसार माता आकर्षिणी का मंदिर 320 फीट ऊंची रमणीक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। माता की पीठ के संबंध में किंवदंती है कि एक दिन मंदिर का पुजारी पूजा संपन्न कर शाम में पहाड़ी से नीचे उतर आए। पहाड़ी से उतरने के दौरान उन्हें याद आया कि वे अपनी कुल्हाड़ी मंदिर में छोड़ आए हैं। जब वे दोबारा अपनी कुल्हाड़ी लाने के लिए मंदिर पहुंचे तो देखा कि वहां देवियां भोजन कर रही थीं। पुजारी को देख देवियों ने भोजन करना बंद कर दिया। देवियों ने पुजारी से कहा कि आज से मंदिर का कपाट हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। और क्षण भर में माता का मंदिर चट्टान में तब्दील हो गया। पहाड़ पर स्थित मां आकर्षिणी का चट्टाननुमा मंदिर आज भी भक्तों के लिए रहस्य से कम नहीं है। अभय दान से कम नहीं है आखान पूजा का महत्व : क्षेत्र में प्रचलित किवदंती के अनुसार, माता आकर्षिणी मंदिर में आखान यात्रा के दिन आखान पूजा का महत्व यज्ञों में अश्वमेघ यज्ञ, पर्वतों में हिमालय, व्रतों में सत्य व दानों में अभय दान से कम नहीं है। यहां पुजारी के रूप में देउरी (भूमिज समाज के लोग) ही माता की पूजा-अर्चना करते हैं। लगभग 320 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित माता आकर्षिणी के पत्थरनुमा मंदिर तक भक्त नंगे पांव पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। श्रद्धालुओं से मास्क पहन कर आने की अपील : माता आकर्षिणी के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से कोविड-19 के मद्देनजर मास्क पहन कर आने की अपील की गई है। पहाड़ी पर चढ़ने से पूर्व मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी।