साल के अंत तक जिले में होगी दुग्ध क्रांति
जागरण संवाददाता साहिबगंज जिले के पशुपालकों के दिन शीघ्र ही बहुरेंगे। महादेवगंज में 50
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले के पशुपालकों के दिन शीघ्र ही बहुरेंगे। महादेवगंज में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी प्लांट का काम काफी तेजी से चल रहा है। 30 जून तक ही इसे पूरा करना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसमें तीन-चार माह और लगेंगे। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो सितंबर-अक्टूबर तक यह चालू हो जाएगा। यहां भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। बिजली कनेक्शन व फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल चुका है। मशीन को लगाने की काम तेजी से चल रहा है। उपायुक्त रामनिवास यादव लगातार इसकी मॉनीटरिग कर रहे हैं। इस डेयरी प्लांट से कम से कम जिले के दस हजार किसानों को लाभ होगा। उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उचित दाम मिलने से पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड करा रहा निर्माण : इसका निर्माण नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड करा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए 34 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। निर्माण के बाद पांच साल तक इसका संचालन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड करेगा। इसके बाद वह इसे झारखंड मिल्क फेडरेशन को सौंप देगा। दूध एकत्र करने के लिए पूरे जिले में चेन बनायी जाएगी। गांवों में कलेक्शन सेंटर बनाया जाएगा। छह-सात गांव पर एक कलस्टर होगा। कलस्टर प्रभारी कि जिम्मेदारी होगी कि वह गांवों से दूध एकत्र कर मंगाए। इसके बाद बल्क मिल्क कूलिग सेंटर के प्रभारी कलस्टरों से दूध एकत्र कराएंगे। मिल्क प्रोसेसिग प्लांट बल्क मिल्क कूलिग सेंटर से दूध मंगाएंगे। बरहेट, राजमहल व महादेवगंज में बल्क मिल्क कूलिग सेंटर का काम चल रहा है। डेयरी प्लांट में दूध देने वाले किसानों को हर 10 दिन में उनके खाते में सीधा भुगतान किया जाएगा। सहकारिता विभाग से निबंधित दूध मुहैया कराने वाले किसानों को पशुओं के डॉक्टर की सुविधा एवं मेधा दाना सब्सिडी पर दी जाएगी। डेयरी प्लांट को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं। स्थानीय विधायक अनंत ओझा की पहल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इसका शिलान्यास किया था। बीच में राशि न मिलने से इसका काम बंद हो गया था।
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डेयरी प्लांट का काम काफी तेजी से चल रहा है। 30 जून तक इसे पूरा करना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कुछ विलंब होगा। 10 हजार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड जहां-जहां प्लांट का संचालन कर रहा है वहां के पशुपालकों की स्थिति बेहतर है।
डॉ. रतन कुमार दूबे, जिला गव्य विकास सह पशुपालन पदाधिकारी, साहिबगंज