जोर की आवाज हुई और डोलने लगा जहाज
रतन राय राजमहल (साहिबगंज) जोर की आवाज हुई और मौत सामने खड़ी दिख रही थी। मैंने ट्र
रतन राय, राजमहल (साहिबगंज) : जोर की आवाज हुई और मौत सामने खड़ी दिख रही थी। मैंने ट्रक की स्टेयरिग को मोड़कर उसे पानी में जाने से रोकने का भरसक प्रयास किया, परंतु ट्रक धीरे-धीरे सरकते हुए पानी में समाने लगा। मैंने खलासी को जोर की आवाज लगाते हुए अपने साइड का दरवाजा खोलकर कूदने को कहा तब तक थोड़ी देर हो चुकी थी और ट्रक का आधा से अधिक हिस्सा पानी में समा चुका था। सोमवार की देर शाम मानिकचक गंगा तट पर ट्रक उतारने के क्रम में जहाज के असंतुलित होने के बाद एक-कर आठ ट्रकों के गंगा में समाने की घटना का जिक्र करते हुए डूबे हुए एक ट्रक का चालक उधवा निवासी मो राजू ने हादसे की आपबीती सुनाई। कहा कि वे लोग काफी आराम से राजमहल से मानिकचक पहुंच गए थे। घाट पर जहाज लगा और छोटे वाहनों को उतार दिया गया। ट्रकों को उतारा जा रहा था। इसी दौरान एक ट्रक जहाज के खंभे में टकरा गया। जोर की आवाज हुई और जहाज डोलने लगा। अफरा-तफरी के माहौल में अपने ट्रक की स्टेयरिग को थामे रहा परंतु जब ऐसा लगने लगा कि अब ट्रक और जहाज दोनों डूब जाएगा तो वहां से कूद गया। खलासी भी पानी में कूद गया। वहां मौजूद लोगों ने उनदोनों को पानी से बाहर निकाला। मौत के मुंह से बाहर निकलने की इस घटना की चर्चा करते हुए बताया कि जिदगी में मैंने कई बार दुर्घटनाओं का सामना किया परंतु पहली बार खुद को मौत के मुंह में जाते हुए देख रहा था परंतु शायद मेरा भाग्य और नसीब अच्छा था कि मैं बच गया।