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दसवीं की परीक्षा छात्र जीवन का पहला पड़ाव: डीसी

दसवीं के इम्तिहान का अंक पत्र केवल कागज का एक टुकड़ा नहीं बल्कि बच्चों का भविष्य है। कमजोर तथा विषयों पर अच्छी पकड़ वाले बच्चों के लिए अलग अलग रणनीति बनाने की •ारूरत है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 05:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 05:38 PM (IST)
दसवीं की परीक्षा छात्र जीवन का पहला पड़ाव: डीसी
दसवीं की परीक्षा छात्र जीवन का पहला पड़ाव: डीसी

जागरण संवाददाता, साहिबगंज: दसवीं के इम्तिहान का अंक पत्र केवल कागज का एक टुकड़ा नहीं, बल्कि बच्चों का भविष्य है। कमजोर तथा विषयों पर अच्छी पकड़ वाले बच्चों के लिए अलग अलग रणनीति बनाने की •ारूरत है। ये बातें उपायुक्त वरुण रंजन ने गुरुवार को सिदो-कान्हू सभागार में शिक्षा विभाग की ओर से क्रैश कोर्स से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं। उपायुक्त ने बताया कि दसवीं की परीक्षा पठन-पाठन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आगे की सारी परीक्षा, अच्छे विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए या किसी भी जॉब के लिए भी दसवीं का परीक्षाफल बेहद निर्णायक साबित होता है। जिला प्रशासन चाहता है कोई भी बच्चा जब जीवन मे पीछे मुड़ कर देखे तो उन्हें अपने दसवीं के परीक्षाफल पर हमेशा गर्व हो। जिले के उपायुक्त के रूप में नहीं बल्कि बड़े भाई व गार्जियन के रूप में कहना चाहते हैं कि यह दसवीं के इम्तिहान का अंक पत्र केवल एक काग•ा का टुकड़ा नहीं बल्कि उनका भविष्य है।

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शिक्षा के स्तर को सुधारें: उपायुक्त ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दसवीं की बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत बच्चे सफल हों तथा कम से कम 100 ऐसे बच्चे हों जो 90 फीसद से अधिक अंक प्राप्त कर सकें। उन्होंने शिक्षकों से कहा यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम बच्चों के शिक्षा के स्तर को सुधारें। शिक्षकों को बताया कि कमजोर तथा विषयों पर अच्छी पकड़ वाले बच्चों के लिए अलग अलग रणनीति बनाने की •ारूरत है। हर विषय पर अच्छी पकड़ और कंटेंट की पूरी जानकारी महत्वपूर्ण तो है पर अभी सबसे जरूरी है कि दसवीं की परीक्षा के परीक्षाफल पर ध्यान दिया जाए।

कठिनाई वाले क्षेत्रों को करें चिह्नित: सभी विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, जहां बच्चों को अधिक कठिनाई आती है। उन्होंने कार्यक्रम में अपना अनुभव बताते हुए कहा आने वाले पांच दिन या कहा जाए तो चालीस घंटे जिले के हजारों बच्चों का भविष्य निर्धारण करने वाले हैं। इसलिए न सिर्फ बच्चे बल्कि बच्चों के साथ साथ शिक्षक और अभिवावक को भी उतनी ही मेहनत करने की •ारूरत है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आगामी दसवीं की परीक्षा में कम समय मे कमजोर विषयों पर बच्चों की पकड़ को मजबूत कराना था। कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन के प्रशिक्षक ने शिक्षकों को पांच दिवसीय क्रैश कोर्स की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सिलसिलेवार ढंग से बच्चों की तैयारी के लिए रणनीति बताई गई, जिसके माध्यम से बच्चे कम समय मे बेहतर ढंग से परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे।

कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त मनोहर मरांडी, राजमहल अनुमंडल पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी, जिला शिक्षा पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद, पिरामल फाउंडेशन के सदस्य आदि उपस्थित थे।


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