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38.31 करोड़ से दूर होगा पिछड़ापन

जागरण संवाददाता साहिबगंज साहिबगंज की आकांक्षी जिले की रैंक में सुधार आया है। अगस्त में

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 06:28 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 06:28 PM (IST)
38.31 करोड़ से दूर होगा पिछड़ापन
38.31 करोड़ से दूर होगा पिछड़ापन

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : साहिबगंज की आकांक्षी जिले की रैंक में सुधार आया है। अगस्त में देश के सबसे पिछड़े 115 जिलों में 92 वें स्थान पर साहिबगंज था। सितंबर में 56 वें पायदान पर आ गया है। जिले के स्कोर एवं डेल्टा रैंक में सभी इंडिकेटरों में सुधार आया है। जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है। जिले को अबतक पिछड़ेपन दूर करने के लिए 38.31 करोड़ मिले हैं। जिसमें से 12.78 करोड़ की योजना स्वीकृत कर कार्य किया गया है। जिले में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि एवं पेयजल, कौशल विकास एवं आधारभूत संरचना के विकास पर राशि खर्च हो रही है।

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सभी सेक्टरों में किया जा रहा है विकास

जिले में आधारभूत संरचना विकास के लिए 10.69 करोड़, स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए 1.31 करोड़, कौशल विकास के लिए 26.23 लाख, शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ेपन दूर करने के लिए 51.07 लाख की राशि स्वीकृत कर खर्च की जा रही है। कुल 12.78 करोड़ की राशि जिले में खर्च की जा चुकी है। जिले के पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण पर ज्यादातर राशि खर्च की गई है। स्वास्थ्य विभाग को सुविधाओं से लैस करने के लिए राशि खर्च हो रही है। इससे चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हुआ है। पोषण की बेहतरी के लिए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जा रहा है। पोषण वाटिका का प्रशिक्षण दिया गया है। कौशल विकास के लिए सिलाई मशीन एवं इसका प्रशिक्षण स्नेह डोर पोशाक सिलाई केंद्र के माध्यम से दिया गया है। शिक्षा में बेहतरी के लिए स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के अलावा स्मार्ट क्लास का संचालन किया गया है।

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सेक्टरवार अगस्त का रेंक व सितंबर का रैंक

स्वास्थ्य व पोषण - 87 - 59

शिक्षा - 10 - 98

कृषि एवं जल संसाधन - 65 - 89

वित्तीय समावेशन व कौशल विकास - 33 - 47

आधारभूत संरचना - 105 - 12

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डेल्टा रैंक - अगस्त- 92, सितंबर- 56

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कोट

आकांक्षी जिला घोषित होने के बाद साहिबगंज जिले में पिछड़ेपन दूर करने का प्रयास चल रहा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के अलावा कौशल विकास एवं गांव की सड़कों के निर्माण पर राशि खर्च की गई है। सबसे ज्यादा फोकस स्वास्थ्य एवं शिक्षा के अलावा कौशल विकास व बेकारी दूर करने पर दिया जा रहा है। समय समय पर नीति आयोग इसकी मॉनिटरिग करती हैं।

संदीप कुमार, डीपीओ, यूआइडी, साहिबगंज।


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