नींद या झपकी आई तो आफत में फंसेगी जान
धुंध या कोहरे से भरी रातों में राजमार्ग या प्रमुख सड़कों पर वाहन चलाने में सावधानी ही सुरक्षा हो सकती है। यदि नींद या झपकी आयी तो आफत में जान फंसेगी। कोहरे के वक्त वाहन चलाते वक्त हॉन का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इससे सड़क पर वाहन चलाने वाले की मौजूदगी का अहसास दूसरों को होगा। इस दौरान यह अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है कि शहर की अंदरूनी सड़कों पर भीड़ भाड़ ज्यादा रहता है। इस दौरान सड़क किनारे खड़े वाहन से दूसरी वाहन न टकराने पाए। मंजिल तक पहुंचने के लिए वाहन चालक को खुद को एक्टीव रखना पड़ेगा। इसके लिए चालक का पूरी तरह से प्रशिक्षित रहना आवश्यक है। वाहन चलाते वक्त सर्द मौसम में अपर डीपर का इस्तेमाल करना जरुरी होता है। कोहरे के दौरान थोड़ी ही सावधानी नहीं बरतने पर एक वाहन दूसरे से जा टकराते हैं और यही वजह है कि इस मौसम में सड़क दूर्घटनाओं की ज्यादा संभावना रहती है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज: धुंध या कोहरे से भरी रातों में राजमार्ग या प्रमुख सड़कों पर वाहन चलाने में सावधानी ही सुरक्षा हो सकती है। यदि नींद या झपकी आयी तो आफत में जान फंसेगी। कोहरे के वक्त वाहन चलाते वक्त हॉन का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इससे सड़क पर वाहन चलाने वाले की मौजूदगी का अहसास दूसरों को होगा। इस दौरान यह अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है कि शहर की अंदरूनी सड़कों पर भीड़ भाड़ ज्यादा रहता है। इस दौरान सड़क किनारे खड़े वाहन से दूसरी वाहन न टकराने पाए। मंजिल तक पहुंचने के लिए वाहन चालक को खुद को एक्टिव रखना पड़ेगा। इसके लिए चालक का पूरी तरह से प्रशिक्षित रहना आवश्यक है। वाहन चलाते वक्त सर्द मौसम में अपर डीपर का इस्तेमाल करना जरुरी होता है। कोहरे के दौरान थोड़ी ही सावधानी नहीं बरतने पर एक वाहन दूसरे से जा टकराते हैं और यही वजह है कि इस मौसम में सड़क दुर्घटनाओं की ज्यादा संभावना रहती है।
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परिवहन विभाग कर रहा वाहन चालकों को जागरूक
जिला परिवहन विभाग की ओर से वाहन चालकों को जांच परखकर ड्राइ¨वग लाइसेंस दिया जाता है, परंतु जो बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हैं उनसे फाइन भी वसूला जाता है। इसको लेकर स्कूलों कॉलेजों एवं अन्य संस्थानों में जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया जाता है। यह बताया जाता है कि नींद या झपकी आयी तो वाहन के साथ साथ जान पर भी आफत आ सकती है। परिवहन विभाग की ओर से राजमार्ग पर ज्यादा चौकन्ना रहने के बारे में बताया जाता है। क्योंकि वाहनों के आगे पीछे वाहन चलते रहते हैं। वाहन चालकों को कोहरे या धुंध में वाहन चलाने के लिए ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी भी दी जा रही है। यह बताया जा रहा है कि कोहरे के वक्त हॉर्न का अधिक इस्तेमाल करना है। इसके अलावा सड़क पर कम गति सीमा में वाहन चलाना बेहतर चालक की निशानी मानी जाती है। परिवहन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर वाहन चे¨कग भी की जाती है। रात में वाहन चलाते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतें। रात में विशेष रुप से लाइट पर ध्यान रखना चाहिए।
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राजमार्ग पर वाहन चालकों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत
साहिबगंज के राजमार्ग 80 पर वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। वाहन मिर्जाचौकी से लेकर फरक्का तक दिनरात चलते रहते हैं। केवल शहरी क्षेत्र साहिबगंज में नो इंट्री रहती है। इस दौरान पीछे की ओर से आवश्यक वाहनों को साक्षरता चौक के पास से बाहर निकाला जाता है। इसके अलावा जिले के खनन क्षेत्रों में परिवहन नियमों को दरकिनार तक रात में भी तेज गति से वाहन चलाया जाता है। दिन में भी वाहन जो आउटडेटेड हो गए हैं। चलते रहते हैं यही वजह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में खदान के इलाके में अक्सर वाहन पलटते हैं। इस कारण वाहन चालकों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। 83 किलोमीटर राजमार्ग की सड़क एवं साहिबगंज से बोरियो, बरहेट व धरमपुर होकर गुजरने वाली गो¨वदपुर सड़क पर परिवहन विभाग की ओर से वाहन जांच के दौरान चालकों को कोहरे में वाहन चलाने के अलावा अन्य जानकारी दी जाती है।
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कोट
जिले में वाहन चलाने में सावधानी से ही वाहन चालक व सफर करने वाले यात्री की सुरक्षा हो सकती है। समय समय पर वाहन जांच अभियान चलाकर कोहरे के वक्त वाहन चलाते वक्त हॉर्न का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इसके अलावा वाहन में सुरक्षा उपकरण लगे हैं या नहीं। वाहन की फिटनेस आदि की जांच की जाती है। जिला परिवहन विभाग लाइसेंस निर्गत करते वक्त भी सड़क सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देता है।
उमेश कुमार स्वांसी
जिला परिवहन पदाधिकारी, साहिबगंज।