71 दिन बाद बाजार में लौटी रौनक
साहिबगंज लॉकडाउन के 71 दिनों बाद मंगलवार को साहिबगंज बाजार में मिली छूट के अनुसार दुकाने
साहिबगंज : लॉकडाउन के 71 दिनों बाद मंगलवार को साहिबगंज बाजार में मिली छूट के अनुसार दुकानें खुल गई। इससे बाजार में रौनक बढ़ गई है। कोरोना वायरस की वजह से 22 मार्च को लॉकडाउन घोषित की गई थी। इसके बाद से आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अधिकतर दुकानें बंद थीं। लोग घरों से कम निकल रहे थे। इस वजह से शहर में सन्नाटा छाया रहता था। अनलॉक एक में कई चीजों पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है। इस वजह से टीवी, फ्रिज, ज्वेलरी, फर्नीचर शो रूम, बर्तन की दुकानें, गैरज, मोटर वर्कशॉप आदि खुल गए। इससे दुकानदारों के साथ-साथ आमलोगों ने भी राहत की सांस ली। दुकानदारों ने सुबह में दुकान की सफाई की। दिन निकलने के साथ ही दुकानों में ग्राहक भी पहुंचने लगे। इस वजह से लॉकडाउन के दौरान वीरान हुआ शहर एक बार फिर से गुलजार हो गया। ज्वेलरी दुकानदार राजेश कुमार दिवान ने बताया कि देर आया लेकिन दुरुस्त आया। दुकान खुलने पर काफी खुशी हुई। कहा कि दुकान में सैनिटाइजर व मास्क रखे हैं। ग्राहकों को आने पर पहले हाथ सैनिटाइज कराएंगे। मास्क नहीं रहने पर मास्क देंगे।
बर्तन दुकानदार संजय खेमका ने कहा कि दुकान खुलने पर खुशी हुई परंतु ग्राहक नहीं है। दुकान आने वाले ग्राहकों को शारीरिक दूरी के पालन के साथ सामान देंगे। स्पोर्टस दुकानदार विकास कुमार ने बताया कि दुकान बंद करने की वजह से काफी परेशानी हुई। स्टाफ को मानदेय देने में परेशानी हो रही थी।
कपड़ा, जूता-चप्पल व श्रृंगार दुकानदार मायूस : कपड़ा, जूता-चप्पल व श्रृंगार की दुकान से प्रतिबंध नहीं हटाये जाने पर इन दुकानदारों में मायूसी है। दुकानदार आशा कर रहे थे कि उनकी दुकानें भी अब खुल जाएगी और परेशानी दूर हो जाएगी । दुकान बंद रहने के कारण बैंक का ऋण देने में परेशानी हो रही है। स्टाफ को पैसे देने में दिक्कतें हो रही है। कपड़ा दुकानदार सुबोध कुमार ने बताया कि हमलोगों की स्थिति काफी खराब हो गई है। बैंक का ब्याज देने परेशानी हो रही है। कर्मचारी को पैसा नहीं दे पा रहे हैं। दुकान में रखा सामान भी खराब हो रहा है। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से दुकान खोलने की अनुमति देने की मांग की। श्रृंगार दुकानदार विमल कुमार ने कहा कि इतने दिनों तक दुकान बंद रहने की वजह से आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। बैंक का ऋण चुकता नहीं कर पा रहे हैं। जूता-चप्पल दुकान मो. नसीब ने बताया कि दुकान में रखा सामान खराब हो रहा है। बैंक का ऋण नहीं दे पा रहे हैं जिससे काफी दिक्कत हो रही है।
ऑटो व ई-रिक्शा चालकों में खुशी
ऑटो व ई-रिक्शा चलाने की छूट मिलने पर चालकों में खुशी देखी जा रही है। यात्रियों को भी राहत मिली है। ऑटो व ई-रिक्शा बंद रहने की वजह से लोगों को दूर-दूर तक पैदल ही जाना पड़ता है। ऑटो व ई-रिक्शा चालकों द्वारा पहले की तरह आज भी 10 रुपये में ही तय स्थान तक पहुंचाया जा रहा है। ई-रिक्शा चालक मुन्ना सिंह ने बताया कि पहले जो भाड़ा था वहीं भाड़ा सवारी से ले रहे हैं। इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है। गौतम पासवान ने बताया कि पहले की तरह से भाड़ा लिया जा रहा है। कहा कि दो से ज्यादा सवारी नहीं ले रहे हैं। इधर, ई रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष कर्ण पासवान ने बताया कि सभी रिक्शा चालकों से पुराना भाड़ा ही लेने के लिए कहा है। कर्ण पासवान ने चालकों को मास्क लगा कर वाहन चलाने, समय-समय पर सैनिटाइजर से हाथ सैनिटाइज करने तथा एक बार में दो सवारी से ज्यादा नहीं लेने को कहा है। कहा कि दो सवारी को छोड़ने के बाद भी दो सवारी लें। कर्ण पासवान 70 दिनों से ग्रीन होटल के पास लोगों को कोरोना वायरस से बचाने को लेकर जागरूक करने में लगे हैं।