पान की बागवानी का भी दिलाएं मुआवजा
जागरण संवाददाता साहिबगंज राजमहल प्रखंड की घाट जमनी पंचायत के योगीचक एवं मोकिमपुर मौजा के रैयतों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा। इसमें एनएच 80 के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित जमीन के साथ पान की बागवानी का मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : राजमहल प्रखंड की घाट जमनी पंचायत के योगीचक एवं मोकिमपुर मौजा के रैयतों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा। इसमें एनएच 80 के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित जमीन के साथ पान की बागवानी का मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की गई है। रैयतों में विनोद कुमार चौरसिया, अरुण कुमार चौरसिया, मनोज कुमार चौरसिया, दीप कुमार चौरसिया, विरेंद्र कुमार चौरसिया, पवन कुमार चौरसिया, राजेश मोदी आदि ने बताया कि एनएच 80 के चौड़ीकरण में उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे संबंधित नोटिस मिला है परंतु इसमें पान की बागवानी से संबंधित कोई मूल्यांकन नहीं किया गया है। जबकि पान की बागवानी सभी का पेशा हैद्ध यह पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। पान की बागवानी का समुचित मुआवजा दिया जाए क्योंकि पान का बरेठा एक बार लगाने पर सालों चलता रहता है। पान घर की संरचना को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रत्येक साल मरम्मत की जाती है। इससे होने वाली आमदनी से परिवार चलता है। रैयतों ने बताया कि इससे पहले भी 29 जुलाई 20 को उपायुक्त को आवेदन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया परंतु अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पत्र की प्रति जिला भू अर्जन पदाधिकारी व एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भी दी गई है।
घर व दुकान का भी मिले मुआवजा
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले के पश्चिमी जामनगर के रैयतों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर उपायुक्त व जिला भू अर्जन पदाधिकारी को पत्र सौंपा। इसमें उनकी जमीन पर बने घर व दुकान का मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की गई। ग्रामीण रैयत अरुण चंद्र मंडल, बसंत लाल साहा, अरुण कुमार प्रमाणिक, अभिमन्यु कुमार मंडल सहित अन्य ने बताया है कि वे लोग जामनगर पंचायत में एनएच 80 के किनारे कई वर्षो से रहते हैं। उनकी जमीन पर पक्का मकान और व्यवसाय के लिए दुकान एवं छोटे-छोटे कुटीर उद्योग का निर्माण किया गया है। उनको कई बार त्रुटिपूर्ण नोटिस जमीन अधिग्रहण को लेकर प्राप्त हुआ है। जमीन का वेल्यू संतोषजनक नहीं रहने के कारण भू अर्जन कार्यालय में आवेदन दिए हैं। रैयतों ने बताया कि प्रिसिपल डिस्ट्रिक्ट जज दुमका के न्यायालय में भी आवेदन दिया गया है जिसका केस नंबर प्राप्त हो गया है। उपायुक्त को बताया है कि न्यायालय का अगला आदेश पारित नहीं हो जाए तबतक उनको राजस्व कर्मचारी किसी तरह परेशान न करे। इसका आग्रह जिला भू अर्जन पदाधिकारी को पत्र देकर भी किया गया है।