हुजूर गांव वालों को दिला दिजीए फसल बीमा का लाभ
साहिबगंज जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर एनएच
गांव की कहानी: - गांव में खेती किसानी करने वालों को नहीं मिलता फसल बीमा का लाभ
- गांव के लोगों को नहीं मिलती नियमित बिजली
- किसानों के हित की बात करने वालों को देंगे वोट
धनंजय मिश्र, जागरण संवाददाता साहिबगंज: साहिबगंज जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर एनएच 80 के किनारे बसा है एक हजार की आबादी वाला सोतीचौकी खुटहरी गांव। गांव में अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक जाति के लोग मिलकर रहते हैं। यह गांव अनुसूचित जन जाति बहुल बोरियो विधानसभा क्षेत्र के बोरियो प्रखंड के तहत आता है। गांव से कुछ दूरी पर गंगा नदी बहती है गांव के लोगों के लिए एनएच 80 के अलावा गांव के अंदर से एक सड़क गुजरी है जो पीसीसी है। गांव के लोगों के लिए सड़क से विकास की राह आसान की गई परंतु किसानों को अबतक समस्याओं से मुक्ति नहीं मिली है। ग्रामीण कह रहे हैं कि गांव में विकास शुरू हुआ है परंतु किसानों के हित में काम करना अभी बाकी हैं। रविवार की दोपहर बाद गांव पहुंचने पर कुछ लोग एनएच के किनारे यात्री विश्राम गृह में बाहर लिए निकले थे। लोग जुट गए और अपनी समस्या बताने लगे। गांव के लोग बताते हैं कि पांच सालों में विकास हुआ है। गांव के शिव प्रसाद ठाकुर कहते हैं कि गंगा किनारे गांव बसा है हर साल फसल डूबती है। हुजूर, फसल बीमा का लाभ दिला दिजीए। मो. कासिम अंसारी ने बताया कि गांव के लिए बेरोजगारी समस्या है। लोग पढ़ लिखकर भटक रहे हैं। पहले खेती किसानी से लाभ होता था परंतु अब तो फसल बाढ़ में डूब जाती है। फसल का बीमा भी करने पर भुगतान नहीं होता है। सीताराम गोंड बताते हैं कि गांव के लोगों ने तय किया है कि इस बार किसानों की बात होगी। मुनीलाल रविदास बताते हैं कि गांव के लोगों को समस्याओं से मुक्ति नहीं मिल सकी है। गांव के लोग काम नहीं रहने के कारण गांव में रहना नहीं चाहते हैं। बाढ़ बाती है फसल डूब जाती है इसका स्थायी निदान अबतक नहीं किया गया है।
गांव के राम प्रसाद ठाकुर, अनिल ठाकुर, नंद कुमार ठाकुर, शत्रुघ्न ठाकुर, विमलेश कुमार बताते हैं कि गांव के किसान हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं परंतु फसल बीमा की राशि दिलाने में जन प्रतिनिधि रुचि नहीं ले रहे हैं। किसानों को समय पर खाद व बीज नहीं मिलता है।
गांव के मो. सतीम अंसारी, छोटू यादव, हृदयनारायण यादव बताते हैं कि गांव में विद्यालय है परंतु सभी विषयों के शिक्षक नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में बिजली नहीं गुजरी है परंतु वह अनियमित रूप से जल रही है। कुछ वक्त तक बात करने के बाद सभी गांव अपने अपने काम के लिए बाहर निकल जाते हैं। सभी का कहना है कि गांव का विकास करने वालों को ही वोट मिलेगा।