मुल्क की सलामती के लिए घर में रहकर करें इबादत
मुस्लिम समुदाय में रमजान सबसे पाक महीना होता है। इस माह रोजा रखने पांच वक्त नमाज व कुरान पाक पढ़ने से शवाब मिलता है। साथ ही गरीब व जरूरतमंदो की मदद करने से भी अल्लाह की दुआ मिलती है। इस बार पूरे विश्व में कोराना महामारी बिमारी से जुझ रहा है। लोगो की सुरक्षा के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया है। और आवाम को शारीरिक दूरी पालन करने की निसीयत दी जा रही है। लॉकडाउन के चलते यह बेहद जरूरी है कि हम सब्र करें। मस्जिद की जमात के लिए इमाम और मो
साहिबगंज : मुस्लिम समुदाय में रमजान सबसे पाक महीना होता है। इस माह रोजा रखने, पांच वक्त नमाज व कुरान पाक पढ़ने से शवाब मिलता है। साथ ही गरीब व जरूरतमंदों की मदद करने से भी अल्लाह की दुआ मिलती है। इस बार पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। लोगों की सुरक्षा के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया है। आवाम को शारीरिक दूरी पालन करने की नसीहत दी जा रही है। लॉकडाउन के चलते यह बेहद जरूरी है कि हम सब्र करें। मस्जिद की जमात के लिए इमाम और मोअज्जिन के अलावा जिन हजरात को निर्धारित किया गया है, वे ही मस्जिद में नमाज अदा करें। हजरात शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज व कुरान पाक पढ़ें। रमजान में इफ्तार पार्टी न करें। लॉकडाउन के दौरान प्रशासन के आदेश का पालन करें। तरावीह की नमाज 20 रिकात सुन्नत है। लॉकडाउन की वजह से तमाम हजरात अपने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा करें। ये अल्लाह का महीना है। यह सब्र का भी महीना है। रोजा मेरे लिए है और रोजा का बदला मैं रोजेदार को खुद देता हूं। इसलिए रमजान में ज्यादा-से-ज्यादा इबादत का एहतमाज करें। गुनाहों से बचने की कोशिश करते रहें। कोराना महामारी से बचाने व मुल्क की सलामती के लिए अल्लाह से दुआ करें।