एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा, तीन लोग अब भी लापता
जागरण टीम राजमहल/साहिबगंज पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक घाट पर गंगा में समाए ट
जागरण टीम, राजमहल/साहिबगंज : पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक घाट पर गंगा में समाए ट्रकों व उसमें फंसे लोगों की खोज के लिए मंगलवार की सुबह एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया। काफी मशक्कत के बाद देर शाम एक ट्रक को निकाला गया। गंगा में डूबे 17 लोगों में से 14 को सोमवार देर शाम स्थानीय लोगों के सहयोग से निकाल लिया गया था। उनका इलाज वहां के अस्पतालों में चल रहा है। तीन लोग अब भी लापता हैं। इनमें एक ट्रक का चालक बरहड़वा के सिरासिन निवासी मंटू शेख, खलासी उधवा निवासी मयना तथा एलसीटी कर्मी पड़रिया निवासी ताराचंद यादव शामिल हैं।
इधर, मंगलवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त जहाज वापस लौट आया। उसपर लदे ट्रक संख्या डब्ल्यूबी 65 बी 8215 को पुलिस ने जब्त कर लिया है। वैसे वह ट्रक अब भी जहाज पर ही है। गंगा नदी में समाए ट्रकों को निकालने के लिए राजमहल से भी उपकरणों को भेजा गया। एनडीआरएफ के सदस्य मोटरबोट व गोताखोर के माध्यम से लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
गंगा में समाए ट्रकों की सूची : एनएल 01-5286, एनएल 01-2615, डब्ल्यूबी 65- 1129, डब्ल्यूबी 57-0157, डब्ल्यूबी 65-7039, डब्ल्यूबी 65- 7918, जेएच 10-9309, एनएल 01-4422
ट्रक चालक की लापरवाही से हुआ हादसा : प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ट्रक संख्या डब्ल्यूबी 65 बी 8215 के चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ। यह ट्रक तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के बाबूपुर निवासी लखन महतो का है। बताया जाता है कि जहाज रुकने के बाद चालक ने ट्रक को आगे बढ़ाया, लेकिन ओवरलोड होने की वजह से वह पार नहीं कर सका। इसके बाद उसने स्पीड बढ़ाने के लिए ट्रक को बैक किया। इसी क्रम में पीछे खड़े ट्रक में धक्का मार दिया। धक्का लगने पर दूसरा ट्रक जहाज से नीचे गिर गया जिससे जहाज असंतुलित हो गया और अन्य ट्रक भी नदी में गिर गए। इस ट्रक के धक्के से जहाज के रैंप पोस्ट को भी नुकसान हुआ। जहाज पर नौ ट्रक के अलावा एक स्कार्पियो, एक जुगाड़ गाड़ी व कुछ बाइक पर लदे थे जो पहले ही उतार लिया गया था। जहाज करीब 5.15 बजे राजमहल से खुला था और शाम करीब छह बजे के करीब हादसा हुआ।
मालदा प्रशासन करता बंदोबस्ती : राजमहल से मानिकचक के बीच गंगा नदी में चलनेवाले जहाजों की बंदोबस्ती पश्चिम बंगाल का मालदा जिला प्रशासन करता है। राजस्व का पूरा का पूरा हिस्सा पश्चिम बंगाल के खाते में जाता है। दो साल पूर्व राजमहल के तत्कालीन एसडीओ कर्ण सत्यार्थी ने मालदा जिला प्रशासन को पत्र भेजकर राजस्व में हिस्सेदारी की मांग की थी, लेकिन राजमहल तक पश्चिम बंगाल का जल क्षेत्र होने की बात कह कर मालदा जिला प्रशासन ने हिस्सेदारी देने से इन्कार कर दिया था। पश्चिम बंगाल की सीमा होने की वजह से साहिबगंज जिले के पदाधिकारी जहाजों की जांच नहीं कर पाते हैं।
क्या है मामला : राजमहल गंगा घाट से सोमवार की शाम खुला जहाज मालदा के मानिकचक घाट पर असंतुलित हो गया था। इस वजह से स्टोन चिप्स लदे आठ ट्रक गंगा में समा गए थे। अधिकतर ट्रकों में चालक व खलासी भी थे। घटना के बाद राहत व बचाव दल ने 14 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था। तीन लोगों के अब भी लापता होने की बात सामने आ रही है। जहाज पर नौ ट्रक, एक स्कार्पियो, एक ठेला आदि लदा हुआ था।
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राजमहल से मानिकचक गया जहाज सोमवार की शाम असंतुलित हो गया था। इस वजह से कुछ ट्रक गंगा नदी में गिर गए थे। अधिकतर लोगों को बचा लिया गया है। कुछ लोगों के लापता होने की बात सामने आ रही है। मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। मालदा जिला प्रशासन से जहाजों के संचालन के समय हुए अनुबंध की कापी मांगी गयी है। उसे देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि जहाजों का संचालन नियमानुसार हो रहा था या नहीं।
हरिवंश पंडित, एसडीओ, राजमहल