संशो : गांव की कहानी : बिजली आयी पर नहीं बन सकी सड़क
सदर प्रखंड स्थित सूखराज टोला बुचाई नहर के तट बसा है। इस गांव में जाने के लिए रास्ता नहीं है। सूखराजा टोला मुख्य पथ से महज आधा किलोमीटर दूर बसा है। यहां जाने के लिए खेत होकर जाना पड़ता है। रविवार की सुबह बाइक से खेत होकर किसी तरह सुखराज टोला पहुंचे। गांव में सभी लोग अपने अपने कामों में व्यवस्थ थे। कोई दूध दुध रहा था तो कोई पानी ढोने में लगा था। कुछ लोग एक स्थान पर बैठकर गप्पे कर रहे थे। हम गांव के लोगों से उनकी समस्या व चुनावी मूड भांपने की कोशिश की। गांव वालों का कहना था कि पहले यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं था। हम लोग किसी प्रकार की यहां जीवन बसर कर रहे थे। लेकिन पिछले कुछ साल में गांव की सूरत बदली
कैववर्ड : राजमहल विधानसभा क्षेत्र
---सरकारी योजनाओं का मिला लाभ
जागरण संवावदाता साहिबगंज
चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है। हालांकि अब तक केवल भाजपा ने ही यहां टिकट की घोषणा की है। इस वजह से राजनीतिक परि²श्य अब तक साफ नहीं हो पाया है। सदर प्रखंड स्थित सुखराज टोला में रविवार की सुबह कुछ लोग एक स्थान पर बैठकर गप्प कर रहे थे। हमने गांव के लोगों से उनकी समस्या व चुनावी मूड भांपने की कोशिश की। गांव वालों का कहना था कि पहले यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। हम लोग किसी प्रकार की यहां जीवन बसर कर रहे थे। लेकिन पिछले कुछ साल में गांव की सूरत बदली है। गांव में बिजली नहीं थी लेकिन अब यहां बिजली आ गई है। गांव में पीसीसी सड़क भी बनी है। लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिल रहा है। गांव में कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिला है। गांव वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। लेकिन अब भी इस गांव में सड़क व पानी की सुविधाएं मिलना बाकी है। गांव मुख्य पथ से नहीं जुड़ने के कारण लोगों को परेशानी होती है। बाढ़ आने पर और भी दिक्कतें बढ़ जाती है। वहीं गांव में कुआं है लेकिन पानी में आयरन की मात्र काफी ज्यादा रहने के कारण पीने व खाने के लिए अन्य स्थानों से पानी ढोकर लाना पड़ता है। वैसे विधायक ने सड़क बनाने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने जमीन नहीं दी। इस कारण सड़क नहीं बन पायी। पानी के लिए तीन लाख रुपए की लागत से बोरिग व पानी टंकी निर्माण पास हुआ है लेकिन काम नहीं हो पाया। ग्रामीण सिधेश्वर यादव कहते है कि इस गांव में पहले कोई सुविधा नहीं थी। लेकिन अब इस गांव में बिजली आने से लोगों को काफी राहत मिली है। यहां सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी की समस्या दूर होना बाकी है। पानी में आयरन का मात्र अधिक होने के कारण लोगों को आज भी दूसरे गांव से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। गांव की उमा देवी कहती है कि इस गांव में सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। सड़क नहीं रहने के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। बाढ़ के दिनों में तो और भी परेशानी बढ़ जाती है। कहा कि विधायक कई बार सड़क बनाने के लिए प्रयास किया लेकिन गांव के कुछ लोगों द्वारा जमीन नहीं दिये जाने वजह से सड़क नहीं बन पायी। बिहारी मंडल ने कहा कि गांव में सड़क व पानी की समस्या बनी हुई है। मोनू मंडल ने बताया कि गांव में शौचालय नहीं है। इस कारण लोगों को आज भी खेत में शौचालय के लिए जाना पड़ता है। कहा कि पहले तो इस गांव में कुछ था ही नहीं था लेकिन इधर कुछ वर्ष में गांव की सूरत बदली है। लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है।