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मात्र 900 की अनुमति पर मशीन 60 हजार सीएफटी क्षमता की

जागरण संवाददाता साहिबगंज विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से क्रशर संचालन में एक बड़ा गड़

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 05:16 PM (IST)
मात्र 900 की अनुमति पर मशीन 60 हजार सीएफटी क्षमता की
मात्र 900 की अनुमति पर मशीन 60 हजार सीएफटी क्षमता की

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से क्रशर संचालन में एक बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है। पतना प्रखंड के कुंदी मौजा में गोल्डेन हार्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को मात्र 900 सीएफटी प्रतिदिन उत्पादन का सीटीओ (संचालन की सहमति) दी गई, लेकिन वहां मशीन 60 हजार सीएफटी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता की लगा दी गई। बिना रॉयल्टी दिए कंपनी ने करोड़ों रुपये का पत्थर बेच डाला। 31 दिसंबर 2020 को कंपनी को निर्गत सीटीओ की अवधि समाप्त हो गई। इसके बाद भी वह चल रही थी। चार दिन पूर्व जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार ने उसका निरीक्षण किया। इस दौरान मशीन चलते देख उसे सील कर दिया।

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खनन विभाग उसके द्वारा उत्पादित स्टोन चिप्स का आंकलन कर रहा है। इसके बाद उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माने की राशि लाखों में हो सकती है। जानकारों की मानें तो कंपनी ने सीटीई व सीटीओ कुंदो मौजा के नाम से लिया है, लेकिन वास्तव में क्रशर चपांडे मौजा में है। इसमें पतना अंचल के कर्मियों की संलिप्तता से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है क्योंकि भूमि आदि के सत्यापन का काम अंचल की ओर से ही किया जाता है। जानकारों की मानें तो काफी दिनों तक बिना सीटीओ के ही क्रशर से उत्पादन किया गया। वहां 300 टीपीएच की मशीन लगाई गई है जिससे आठ घंटे में ही 60 हजार सीएफटी स्टोन चिप्स का उत्पादन हो सकता है। अगर मशीन अधिक अवधि तक चलती है तो और अधिक उत्पादन होगा।

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प्रदूषण नियंत्रण पर्षद देता है सीटीई व सीटीओ : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद किसी क्रशर को सीटीई (स्थापना की सहमति) एवं सीटीओ (संचालन की सहमति) निर्गत करता है। इसे निर्गत करने के पूर्व प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारियों को साइट विजिट करना है। सभी जांच-पड़ताल के बाद ही सीटीई व सीटीओ निर्गत करना है। इसके बाद भी इस तरह की गड़बड़ी कई सवाल खड़ा करता है। वैसे प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी केके पाठक ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

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गोल्डेन हार्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक क्रशर को सील कर दिया गया है। सीटीई व सीटीओ के बारे में प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी ही कुछ भी बता पाएंगे। उत्पादन का आंकलन कर जुर्माने का नोटिस कंपनी को भेजा जाएगा।

विभूति कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, साहिबगंज

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तीन क्रशर पर लगा 20 लाख का जुर्माना

साहिबगंज : जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार ने जिरवाबाड़ी ओपी के मांझीकोला व मारीकुट्टी में संचालित तीन क्रशरों पर करीब 19 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीएमओ ने चार जनवरी को इन क्रशरों का निरीक्षण किया था। बिना कागजात के संचालन करने पर उन्हें सील कर दिया था। मांझीकोला मौजा में संचालित साईं स्टोन नामक कंपनी पर विभाग ने करीब 13 लाख रुपया जुर्माना लगाया है। इस कंपनी को सीटीई तो निर्गत किया गया था, लेकिन सीटीओ निर्गत नहीं किया गया था। इसके बाद भी क्रशर का संचालन किया जा रहा था। यह क्रशर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के राजा बाजार निवासी अवनीश कुमार सिंह की है। मांझीकोला मौजा में ही चल रहे कोदरजन्ना निवासी मो. गौंड व मारीकुट्टी में संचालित महादेवगंज निवासी संजय यादव पर करीब तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सभी को एक सप्ताह के अंदर उसे जमा करने को कहा गया है।


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