जागरण संवाददाता, साहिबगंज: जिले में खटारा व बिना फिटनेस जांच के चलने वाले वाहनों का साम्राज्य है। व्यावसायिक बड़े वाहन हो या छोटे वाहन सरपट दौड़ते हैं। कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल, तांगा, बुग्गी, रिक्शा की फिटनेस की पड़ताल पूरी नहीं हो पाती है। वैसे भी जिले में यातायात पुलिस का काम लोकल पुलिस संभालती है सो बाइक के कागजात एवं हेलमेट जांच से आगे मामला बढ़ता है। वाहनों में फॉग लाइट, हेड लाइट, बैक लाइट, पार्किंग लाइट, कलर रिफ्लेक्टर की कमी के कारण भी हादसे होते रहते हैं। किसी वाहन की फिटनेस जांचने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। अगर मोटर यान निरीक्षक को वाहनों के फिटनेस की जांच करनी है तो सालों से यह पद प्रभार में चल रहा है।
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कई जिले के प्रभार में मोटरयान निरीक्षक
साहिबगंज जिले के मोटर यान निरीक्षक हमेशा प्रभार में रहते हैं जो ज्यादा वक्त जिले में नहीं दे पाते। पहले रजनीकांत साहिबगंज जिले के प्रभार में थे। अब अरुण कुमार दास साहिबगंज जिले के मोटरयान निरीक्षक के अलावा धनबाद, रामगढ़ व गोड्डा जिला के प्रभार में हैं। जिले में ये कम वक्त देते हैं। जिन्हें वाहनों के फिटनेस की जांच करनी है। जिले में कोई ट्रांसपोर्ट का संगठन भी नहीं है।
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अज्ञात वाहनों से 56 मौत, 10 लोगों को मिला मुआवाजा
साहिबगंज जिले के पहाड़ों पर पत्थर खदानों एवं क्रशरों में चलने वाले ज्यादातर ट्रेक्टर बिना नंबर के चलते हैं। कृषि कार्य के लिए ट्रेक्टर लेकर व्यवसायिक कार्य के लिए चलाया जाता है। किसानों को लाभ मिलने के बजाय इसका लाभ पत्थर कारोबारियों को मिलता है। इसी वजह है कि जिले में वर्ष 2018 में 15 दुर्घटनाओं में छह, 2019 में 31 चार और 2020 में अबतक 10 दुघर्टना में से दो को मुबावजा मिला है। ये सभी अज्ञात वाहन से सड़क दुघर्टनाएं हुई है। इसके एवज में नियमानुसार मुआवजा दिया गया है।
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अलग से नहीं होती ट्रैक्टर व जुगाड़ वाहन की जांच
जिले में ट्रैक्टर ट्राली और जुगाड़ वाहनों का परिचालन खूब होता है। राजमार्ग एनएच 80 और हाईवे साहिबगंज-गोविदपुर रोड पर इनकी वजह से ज्यादातर दुर्घटनाएं होती हैं। कभी ट्रैक्टर या जुगाड़ चालकों के ड्राइविग लाइसेंस की जांच शायद ही की जाती है। इनके लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। पहाड़ों से उतरने वाले ट्रेक्टर ज्यादातर सड़क हादसे का गवाह बनते हैं। अक्सर चालक शराब पीकर वाहन चलाते हैं।
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साहिबगंज जिले में समय समय पर वाहनों के फिटनेस की जांच होती रहती है। पहले जांच की गई है। नये मोटरयान निरीक्षक आए हैं। जिन्होंने जिले में वाहनों के फिटनेस की जांच नहीं की है।
राम कैलाश पंडित, मैनेजर, आइटी सेल,साहिबगंज
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