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साहिबगंज में चार साल तक ड्यूटी से फरार था इफ्तिखार

घूसखोरी के आरोप के एसीबी ने दुमका जिला शिक्षा पदाधिकारी ऑफिस के क्लर्क मोहम्मद इफ्तिखार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा दुमका के जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय और इनके अधिकारी पूनम कुमारी जी को इसकी जानकारी भी नहीं है आश्चर्य है भ्रष्टाचार का खेल उनके नाक के नीचे यह खेल चल रहा है और उनको जानकारी नहीं है। उनको भी संदेह के घेरे में खड़ा करता है। यह क्लर्क वर्षों पूर्व साहिबगंज जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय में पदस्थापित था।यहां भी यह प्रचंड घूसखोरी करता था।साहिबगंज जिला शिक्षा अधीक्षक का

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 05:52 PM (IST)
साहिबगंज में चार साल तक ड्यूटी से फरार था इफ्तिखार
साहिबगंज में चार साल तक ड्यूटी से फरार था इफ्तिखार

साहिबगंज : एक लाख रुपया घूस लेते गिरफ्तार दुमका जिला शिक्षा पदाधिकारी ऑफिस का क्लर्क मोहम्मद इफ्तिखार साहिबगंज जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में भी काम कर चुका है। यहां भी उसपर अनेक प्रकार के आरोप लगे थे।

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मामले की शिकायत लोकायुक्त से भी की गई थी जो अब तक चल रहा है। बताया जाता है कि यहां पदस्थापन के दौरान वह चार साल तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित था। उसकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रारंभ कर दी थी लेकिन उनका तबादला होने की वजह से मामला फंस गया। बाद में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी आरडीडीई सुशील राय ने उसे क्लीन चीट दे दी। इसके बाद उसका तबादला यहां से जामताड़ा उपनिरीक्षि का कार्यालय में कर दिया गया। बाद में उसने जामताड़ा से अपना तबादला दुमका करा लिया। बताया जाता है कि वह साहिबगंज डीएसई आफिस से तीन दिसंबर 2007 से 26 सितंबर 2011 तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहा। इस दौरान वह कहां था इसकी जानकारी किसी को नहीं मिली। सेटिग-गेटिग कर वह यहां यहां पुन: योगदान करने में सफल रहा। बताया जाता है कि बाद में उसे फरार अवधि का वेतन भुगतान भी कर दिया गया। जानकार बताते हैं कि मोहम्मद इफ्तिखार की नियुक्ति अनुकंपा पर हुई थी। उसके पिता साहिबगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में चालक के पद पर कार्यरत थे। उनके असामयिक निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर उसकी नियुक्ति हुई। यहां के समाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद ने आरडीडीई से सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारी मांगी थी जिसमें यह बताया गया कि मो. इफ्तेखार ने विद्यालय उपनिरीक्षका कार्यालय जामताड़ा में 15 फरवरी 2012 को योगदान किया। इससे पूर्व वे साहिबगंज जिले में कार्यरत थे जहां से 23 दिसंबर 2011 को उनका तबादला किया गया। उनके तबादला आदेश पर आरडीडीई सुशील कुमार राय एवं लिपिक मो. शमीम आलम का हस्ताक्षर है। एलपीसी डीएसई रामयतन राम एवं लिपिक मनोज कुमार झा ने निर्गत किया। सच्चिदानंद कहते हैं कि इस मामले की जांच करायी जाए तो एक बड़े घोटाले का खुलासा हो सकता है। वे कहते हैं कि उसकी संचिका आज भी डीएसई कार्यालय में धूल फांक रही है।


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