Move to Jagran APP

हाइवा के साथ गंगा में 'सिस्टम' भी डूबा

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : बीते शनिवार को देर रात साहिबगंज के सकरीगली समदा स्थित फेरी घाट में गंगा

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:19 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:19 AM (IST)
हाइवा के साथ गंगा में 'सिस्टम' भी डूबा
हाइवा के साथ गंगा में 'सिस्टम' भी डूबा

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : बीते शनिवार को देर रात साहिबगंज के सकरीगली समदा स्थित फेरी घाट में गंगा में डूबे चिप्स लदे चार हाइवा को सात दिन बीतने के बाद भी प्रशासन का सक्रिय नहीं होने से कई सवाल उठ रहे हैं। हादसे के तीन दिन बाद प्राथमिकी दर्ज होना और नदी में डूबे चारों वाहन को निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं होना यह साबित करता है कि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की कोई रुचि नहीं है। जिला खनन विभाग भी गंगा में डूबे हाइवा का अबतक नंबर नहीं जुटा पाया है जबकि चालान निर्गत करने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। खनन विभाग को भी हाइवा के बाहर आने का इंतजार है। इधर कुछ लोगों का गंगा तट पर आकर अपनों की तलाश करने की कोशिश से पता चलता है कि गंगा में हाइवा के साथ कुछ लोग भी डूबे हैं। हादसे के बाद से लापता एक हाइवा के चालक दिलामोहन ¨सह एवं खलासी विकास यादव के परिजनों ने घटनास्थल पर पहुंचकर वहां मौजूद लोगों को बताया था कि उनके परिजन लापता हैं। लेकिन, घाट प्रबंधक का कहना है कि वाहन में सोये चालक व खलासी हाइवा की खिड़की तोड़कर बाहर आ गए। प्रशासन ने भी शायद प्रबंधक की बात को सही मान लिया और कथित रूप से डूबे लोगों को तलाशना उचित नहीं समझा। कार्रवाई में हो रही देरी से स्थानीय लोग अब कहने लगे हैं कि हाइवा के साथ सरकारी तंत्र भी गंगा में डूब गया है।

loksabha election banner

---------

बिहार-झारखंड मिलकर करते मोटरवोटों का परिचालन

गंगा नदी में मोटरवोट चलाने की अनुमति दो सालों के लिए बिहार के कटिहार से मिलती है, जबकि दो साल के लिए झारखंड साहिबगंज से। फिलहाल कटिहार से कागजात निर्गत किया गया है। मालवाहक वोट को चलाने के लिए कोलकाता से वोट करार करके लाए जाते हैं। जिला प्रशासन वोट की फिटनेस की जांच करता है। कटिहार जिला प्रशासन की ओर से घाट की बंदोबस्ती की गई है। इसलिए साहिबगंज के उपायुक्त ने कटिहार जिला प्रशासन से कागजात की मांग की है।

प्राथमिकी के बाद नहीं हुई कोई पहल : बुधवार को साहिबगंज के अंचल निरीक्षक नित्यानंद प्रसाद को हाइवा निकालने से लेकर अन्य प्रक्रिया पूरी कराने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के बाद घाट प्रबंधक, मोटरवोट के चालक एवं साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा के लीजधारक गंगा कोशी नदी नाव यातायात समिति लिमिटेड बरारी घाट के मंत्री के नाम पर मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके बाद कोई पहल नहीं हुई है।

------------------------

क्या कहते हैं फेरी घाट प्रबंधक

फेरी सेवा के घाट प्रबंधक संजय यादव की ओर से बताया गया है कि पहले गंगा में डूबे चार हाइवा को निकालने के लिए राजमहल के गोताखोरों को मंगाया गया, परंतु सफलता नहीं मिलने पर कोलकाता से गोताखोर मंगाए गए। गंगा की गहराई अधिक होने के कारण आक्सीजन एवं चश्मा लेकर गोताखोर गंगा में डुबकी लगाते रहे। लेकिन अबतक हाइवा निकालने में सफलता नहीं मिली है। सभी हाइवा चिप्स लदे थे।

------------------------

कोट

अनुमंडल पदाधिकारी की देखरेख में जांच चल रही है। कहां से कहां के लिए ऑनलाइन चालान निर्गत हुआ, इसकी अबतक जांच नहीं हो सकी है। फिलहाल यह नहीं बता सकते कि हाइवा पर कितना माल लदा था। जांच हाइवा निकलने के बाद ही होगी।

विभूति कुमार

जिला खनन पदाधिकारी, साहिबगंज

---------------------

कोट

समदा में गंगा नदी की गहराई अधिक है। अबतक गंगा नदी के अंदर से कोई भी हाइवा बाहर नहीं निकाला जा सका है। प्रशासन अपनी ओर से अब हाइवा निकालने का प्रयास कर रहा है। हाइवा डूबने के मामले में थाने में संबंधित पक्षों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।

अमित प्रकाश

अनुमंडल पदाधिकारी, साहिबगंज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.