साहिबगंज : मानव तस्करों के चंगुल से लौटी बच्चियों को कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। उपायुक्त राम निवास यादव ने ये बातें मंगलवार को कही। डीसी ने कहा कि बच्चियों का नामांकन कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कराया जाएगा। जिले से मानव तस्करी की शिकार बालिकाओं को झारखंड सरकार के निर्देश पर दिल्ली से एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था। इसी क्रम में बाल संरक्षण इकाई रांची एवं जिला प्रशासन साहिबगंज के समन्वय से सभी 16 बच्चियों को सही सलामत 29 नवंबर को बाल संरक्षण इकाई साहिबगंज लाया जा चुका है। उपायुक्त ने तस्करों के चंगुल से छूट कर वापस आई सभी बालिकाओं से मिलने बाल संरक्षण इकाई पहुंचे एवं उनसे मुलाकात की। उपायुक्त ने सभी बच्चियों से बातचीत करते हुए उनका हाल जाना उनकी समस्याएं जानी एवं उनकी रूचि के बारे में जाना। उपायुक्त ने सभी बच्चियों के भविष्य को देखते हुए वैसी बच्चियों जो विद्यालय जाने योग्य हैं एवं आगे पढ़ना चाहती हैं। उनका नामांकन कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कराने का निर्देश दिया। साथ ही कहा की बाल संरक्षण इकाई में वैसी बच्चियां जो सिलाई, कढ़ाई या अन्य कौशल सीखना चाहती हैं एवं अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा की बच्चियों को कौशल प्रशिक्षण देने एवं एवं उन्हें अच्छी शिक्षा देने के पश्चात ही माता पिता को सौंपा जाए। वर्तमान समय में बाल संरक्षण इकाई में 17 बच्चियां रह रही हैं तथा उन्हें जिला प्रशासन की ओर से सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं। उपायुक्त ने बाल संरक्षण इकाई का निरीक्षण किया एवं वहां मिलनेवाली सुविधाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने भोजन आदि सुविधाओं की जानकारी लेते हुए बाल संरक्षण पदाधिकारी को बालिकाओं की सुरक्षा एवं देखरेख से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। निरीक्षण के क्रम में जिला आपूर्ति पदाधिकारी मिथिलेश कुमार झा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य एवं अन्य उपस्थित थे।
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