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शोभापुर में गंगा कटाव शुरू, दहशत

संवाद सहयोगी तालझारी (साहिबगंज) राजमहल प्रखंड की मोकिमपुर पंचायत के शोभापुर गांव में

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 07:06 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 07:06 PM (IST)
शोभापुर में गंगा कटाव शुरू, दहशत
शोभापुर में गंगा कटाव शुरू, दहशत

संवाद सहयोगी, तालझारी (साहिबगंज) : राजमहल प्रखंड की मोकिमपुर पंचायत के शोभापुर गांव में राष्ट्रीय उच्च पथ से महज 20 फीट की दूरी पर गंगा नदी में एक बार फिर कटाव शुरू हो गया है। यहां की जमीनें नीचे की ओर धंसने लगी है। पिछले 24 घंटे में करीब सौ फीट की दूरी तक की जमीन चार से पांच फीट नीचे धंसने से स्थानीय ग्रामीण दहशत में हैं और जल्द ही यहां बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करने की आग्रह सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों से किया है। ग्रामीण योगेंद्र मंडल, देवेन मंडल, कंगाली महलदार, कल्लर महलदार, सुज्जोल प्रमाणिक, कल्लू मंडल, दिल्लू मंडल, निताय मंडल, गोपाल मंडल सहित अन्य ने बताया कि उनके घर के सामने गंगा तट की जमीन एकाएक धंसने लगी है। करीब आठ साल पहले यहां बेतहाशा गंगा कटाव को देखते हुए सरकार ने बोल्डर पिचिग, लोहा पाइलिग व अन्य कटाव निरोधक कार्य कई बार किए गए है। इससे कटाव रुका भी था। लेकिन एक बार फिर बोल्डर पिचिग सहित जमीन के धंसने से वे लोग चितित है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिन से यहां जमीन नीचे धंस रही है। वे लोग थोड़ा सुकून महसूस इसलिए करते हैं कि जहां कटाव होने लगी है वहां किसी का घर नहीं है। यहां गंगा कटाव में घर समाने से पहले राजमहल-साहिबगंज एन एच 80 मुख्य सड़क को गंगा नदी में समाना होगा। यदि सड़क नदी में समाया तो देखते ही देखते सैकड़ों घर गंगा के गर्भ में समा जाएंगे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। आसपास के लगभग एक किलोमीटर का क्षेत्र कटाव से प्रभावित है। जिसका निदान करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी नहीं हो सका है। कटाव को रोकने में सरकार व प्रशासन सफल हो सकेगी यह सवाल लोगों के लिए अबूझ पहेली बनकर रह गई है।

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23 को होगा टेंडर

राजमहल प्रखंड की मोकिमपुर पंचायत के कमलैन बगीचा व शोभापुर गांव में गंगा कटाव को रोकने के लिए 824.20 लाख (आठ करोड़ चौबीस लाख बीस हजार) रुपये की लागत से कटाव निरोधक कार्य का टेंडर पिछले तीन महीने से प्रक्रिया में है। विभागीय रूप से टेंडर निकाली भी गई है लेकिन टेंडर की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है जिसका खामियाजा यहां के कटाव पीड़ितों को भुगतना पड़ रहा है। अप्रैल माह में टेंडर आमंत्रित किया गया था। दो ठेकेदार ने टेंडर डाला गया था। लेकिन एक ठेकेदार के कागजात में कमी रहने के कारण टेंडर की प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा। अब दुबारा टेंडर आमंत्रित किया गया है। 23 जुलाई को टेंडर होना है और तय होगा कि किस ठेकेदार को यह कार्य सौंपा जाय। हालांकि इन कागजी प्रक्रिया को पूरी करते-करते गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाएगा और संभावित बाढ़ की आशंका प्रबल रहेगी। ऐसे में यदि टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो भी जाती है तो कटाव स्थल पर कार्य आरंभ करना असंभव होगा।


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