सात मौतों के बाद भी सचेत नहीं कोटालपोखर
संवाद सहयोगी कोटालपोखर (साहिबगंज) साहिबगंज जिले की कोटालपोखर पंचायत। छह हजार की आबादी
संवाद सहयोगी, कोटालपोखर (साहिबगंज) : साहिबगंज जिले की कोटालपोखर पंचायत। छह हजार की आबादी वाली इस पंचायत में दो माह में सात लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सरकारी आंकड़ों में दो की जान कोरोना से गई है। शेष की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। आशका हैं कि उनकी भी मौत संक्रमण से हुई। बावजूद इसके चौक-चौराहों पर अब भी जमघट लगता है। छोटे-बड़े दुकानदार अपनी आमदनी बंद नहीं होने देना चाहते हैं।
ईद के दौरान कपड़ा दुकानों का गेट बाहर से बंद रहता था, लेकिन अंदर खरीद-बिक्री जारी थी। अब भी यही स्थिति है। इससे यहां शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाता है। हटिया परिसर में बैठकर शराब पीने वाले भी कोरोना से बेखबर हैं। वहा हर दिन जमघट लग रहा है। अधिकतर लोगों के चेहरे पर मास्क भी नहीं दिखता है। इससे आने वाले दिनों में संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ रही है। हालांकि, कोटालपोखर के थाना प्रभारी शिवकुमार सिंह कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लगातार कोशिश तो कर रहे हैं। रविवार और बुधवार को लगने वाली हाट को भी बंद करा दिया गया। फिर भी ग्रामीणों की लापरवाही पर विराम नहीं लग पा रही है।
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क्या कहते है यहां के लोग
वार्ड सदस्य अशोक कुमार साह ने बताया कि कोटालपोखर में मौतों होने के बाद तो सब डर गए थे। लोगों ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए घर पर कैद कर लिया। पूर्व मुखिया विजय साह ने बताया कि कोटालपोखर बाजार के लोग सावधानी बरत रहे है, लेकिन बाजार होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आते हैं। इससे भीड़ तो हो रही है। कोटालपोखर देहात के नंदलाल साह व जीवनपुर निवासी विनोद घोष ने बताया कि यहां के अधिकतर लोग दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन चलाते हैं। इसलिए इन्हें काम पर जाना पड़ता है। यहां के लोगों का कहना है कि कोरोना से डर तो लगता है लेकिन उपाय क्या है। कोटालपोखर पंचायत समिति सदस्य विकास यादव कहते है कि फिलहाल पंचायत में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं है। प्रशासन लगातार जागरूक कर रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। कुछ लोगों ने कहा कि बाजार के लोग तो सावधानी बरत रहे है, लेकिन दुकानदार लोभ त्यागने को तैयार नहीं हैं।