वार्ड बढ़े, मोहल्ले बढ़े पर नहीं बढ़ी नाली की सुविधा
शहर में बिना प्लान के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार संभव नहीं है। शहर की आबादी व बस रहे मोहल्ले के हिसाब से ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने की जरूरत है।
साहिबगंज : शहर में बिना प्लान के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार संभव नहीं है। शहर की आबादी व बस रहे मोहल्ले के हिसाब से ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने की जरूरत है। पुराने ड्रेनेज को फिर से एक्शन प्लान के तहत सुधारने की आवश्यकता है। जहां शहर की आबादी बढ़ी है वहां वार्ड का सृजन कर सभी परिवारों को ड्रेनेज से जोड़ने का काम नहीं किया गया है। सिवरेज के विकास के साथ ही ड्रेनेज को डेवलप करने का कार्य बंद हो गया है।
साहिबगंज के कार्टरगंज मोहल्ले में पथ निर्माण विभाग की ओर से कई साल पहले सड़क बनी है। यह सड़क विकास भवन के पीछे से कई मोहल्ले से गुजरती हुई साक्षरता चौक तक आती है। इसी मोहल्ले में रहनेवाले राजेश कुमार बताते हैं कि सड़क के किनारे नाली भी बनी लेकिन इसका निकास नहीं दिया गया। यही कारण है कि मोहल्ले की सड़क बरसात में तालाब बन जाती है। प्रो. रंजित कुमार सिंह बताते हैं कि जयप्रकाश नगर मोहल्ले में नाली के अतिक्रमण के कारण बारिश का पानी नहीं निकल पाता सड़क पर जमा रहता है इसकी शिकायत उपायुक्त से की गई है। पोखरिया मोहल्ले में भी ज्यादा बारिश होने पर पहाड़ का पानी घुस जाता है। विमलेश कुमार बताते हैं कि चंद्रशेखर आजाद नगर में बारिश होने के बाद पानी मोहल्ले के लोगों के घरों में प्रवेश करने लगता है। सालों पहले जिस रास्ते से बारिश का पानी गंगा में जाता था उस रास्ते को भरकर घर बना लिया गया है या पहले बने कलर्भट को बंद कर दिया गया है। साहिबगंज शहर के विभिन्न वार्ड में नगर परिषद की ओर से बनाई जा रही सड़कों को भी बिना नाली के बना दिया जा रहा है।
साहिबगंज शहर में अभी 28 वार्ड हैं। वर्ष 1992 के पहले 25 वार्ड थे। जब शहर की आबादी 65 हजार के करीब थी उस समय वार्ड का पुनर्गठन किया गया था। उसके बाद से आबादी बढ़कर एक लाख के करीब हो गई हे। परिवार बढ़ गए आवास बढ़ गए लेकिन नालियां उस हिसाब से नहीं बनीं। यही कारण है कि शहर की जल निकासी समस्या मानसून की बारिश के बाद गंभीर हो जा रही है। जहां सड़क बने वहां सड़कों पर पानी बहता है जहां सड़क नीचे है पानी जमा रहता है।
साहिबगंज शहर में बिना ड्रेनेज के बरसा जल निकासी की समस्या का निदान नहीं किया जा सकता है। जब इस मद में राशि आएगी। तो प्लान बनाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। अभी बहुत जरुरी होने पर नाली बनाया जाता है। पिछले कई सालों पर बहुत आवश्यक होने पर करीब एक करोड़ की राशि खर्च कर नाली बनाई गई है।
- रविशेखर, सहायक अभियंता नगर परिषद, साहिबगंज