प्लान बनाकर करें पर्यटन स्थल का विकास
साहिबगंज साहिबगंज जिले के पर्यटन स्थलों की सूरत बदलने के लिए प्लान बनाने की जरूरत है। इसके
साहिबगंज: साहिबगंज जिले के पर्यटन स्थलों की सूरत बदलने के लिए प्लान बनाने की जरूरत है। इसके विकास के लिए तैयार प्रशासन को बनाए गए प्लान को जमीन पर उतारना होगा। मतदाता इसको लेकर प्रत्याशियों से सवाल कर रहे हैं। ऐतिहासिक स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी प्रकार का निर्माण अथवा खनन की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए। इसका अनुपालन भी जिला प्रशासन को करना है। पुरातत्व विभाग को भी कारगर प्रयास करने की जरुरत है।
जिले के मंडरो प्रखंड के गढ़ी मौजा में राजमहल की पहाड़ियों में खदान में विस्फोट कर पत्थर के चट्टानों को उड़ाया जा रहा है इसके आसपास के ऐतिहासिक स्थल तेलियागढ़ी किला धार्मिक स्थल रक्सी स्थान पर पत्थर के टुकड़े गिरने से श्रद्धालुओं की जान खतरे में रहती है। धुआं से पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही तेलियागढ़ी किला में दरार बढ़ती जा रही है।
साहिबगंज कॉलेज के डॉ. रंजित सिंह बताते हैं कि जिले के पर्यटन स्थलों की सुंदरता कम होती जा रही है। खदानों की संख्या बढ़ रही है तो मोतीझरना की आवाज कम पड़ रही है। मुगलों के जमाने में राजमहल के ऐतिहासिक समृद्धि का प्रतीक मंगलहाट के बारहद्वारी व हदफ जामा मस्जिद खंडहर की शक्ल में खड़ा है। राजमहल बिहार, बंगाल व उड़ीसा प्रांत की राजधानी थी। उस समय के समृद्ध व विकसित शहर की पहचान सिंही दालान अब भी अतीत की याद दिला रहा है। पर्यटन की राह में जिले में पत्थर कारोबार सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। मंडरो के फॉसिल्स पॉक का कार्य तेजी से करना होगा। प्रशासन को पर्यटन विकास की योजना बनाकर विकास करना होगा। बरहडवा के रामनाथ विद्रोही बताते हैं कि जिले के बिंदुधाम, शिवगादी एवं अन्य पर्यटन स्थलों का भी अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। मंडरो में फॉसिल्स के संरक्षण के लिए पार्क का निर्माण अबतक पूरा नहीं हो सका है। प्रशासन की ओर से पर्यटन स्थलों के विकास को अमलीजामा पहनाने के लिए प्लान के तहत काम करना होगा। इससे स्वरोजगार एवं लोकल संस्कृति को जोड़ना होगा। तभी प्रशासनिक प्रयास सार्थक हो सकता है।