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बोरियो में 10 हजार से कम वोटों से होती हार-जीत

अनूसचित जनजाति के लिए आरक्षित बोरियो विधानसभा क्षेत्र में अक्सर दस हजार से कम मतों से हार-जीत होती है। 1957 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसके बाद से अब तक हुए 14 चुनावों में से 12 में यहीं ट्रेंड रहा। मात्र दो बार इससे अधिक मतों से हार-जीत हुई। 1977 में जब कांग्रेस के खिलाफ आंधी चल रही थी और बेंजामिन मुर्मू सभी विपक्षी दलों के संयुक्त प्रत्याशी थे तब वे 17031 मतों से चुनाव जीते थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:25 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:25 AM (IST)
बोरियो में 10 हजार से कम वोटों से होती हार-जीत
बोरियो में 10 हजार से कम वोटों से होती हार-जीत

साहिबगंज : अनूसचित जनजाति के लिए आरक्षित बोरियो विधानसभा क्षेत्र में अक्सर दस हजार से कम मतों से हार-जीत होती है। 1957 में यह विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसके बाद से अब तक हुए 14 चुनावों में से 12 में यहीं ट्रेंड रहा। मात्र दो बार इससे अधिक मतों से हार-जीत हुई। 1977 में जब कांग्रेस के खिलाफ आंधी चल रही थी और बेंजामिन मुर्मू सभी विपक्षी दलों के संयुक्त प्रत्याशी थे। तब वे 17031 मतों से चुनाव जीते थे। उनके इस रिकार्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी गोपीनाथ सोरेन रहे। इसके बाद 1985 में जॉन हेंब्रम 10473 मतों से विजयी हुई। जॉन हेंब्रम कांग्रेस प्रत्याशी थे। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी संतलाल मरांडी को हराया था। 1967 के चुनाव में जे किस्कू मात्र 589 वोट से चुनाव जीते। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम मत से जीतने का यह अब तक का रिकार्ड है। यह विधानसभा क्षेत्र की सीमा गोड्डा जिले से लगती है। गोड्डा जिले का बोआरीजोर प्रखंड इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। क्षेत्र पूर्णत: पहाड़ी है जहां आज भी सुविधाओं का घोर अभाव है। बिजली, पानी जैसी मुलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं।

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लोबिन ने यहां खोला था झामुमो का खाता : बोरियो विधानसभा क्षेत्र पर प्रारंभ में क्षेत्रीय दलों का कब्जा था। लगातार पांच चुनावों में कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर रही। 1980 में पहली बार यहां झामुमो ने चुनाव लड़ा और पार्टी प्रत्याशी शिव मरांडी दूसरे स्थान पर रहे। 1985 में झामुमो ने प्रत्याशी बदल दिया और संत लाल मरांडी को मैदान में उतारा लेकिन वे भी दूसरे स्थान पर रहे। 1990 में लोबिन हेंब्रम ने यहां झामुमो का खाता खोला जबकि 2005 में ताला मरांडी के रूप में यहां पहली बार भाजपा प्रत्याशी जीते। तब से अब तक हुए चुनावों में यहां भाजपा उम्मीदवार जीतते हैं या झामुमो उम्मीदवार।

बोरियो विधानसभा क्षेत्र में अब तक जीते व हारे उम्मीदवार तथा जीत का अंतर

साल जीते पार्टी हारे पार्टी अंतर

1957 जेठा किस्कू जेएचपी तिमोली मुर्मू आइएनसी 8087

1962 सिगराय मुर्मू जेपी पीरो किस्कू आइएनसी 3619

1967 जे किस्कू एसडब्लूए एस हेम्ब्रम आइएनसी 589

1969 सेत हेम्ब्रम पीएचजे शिव मरांडी आइएनसी 2417

1972 सेत हेम्ब्रम पीएचजे शिव मरांडी आइएनसी 8007

1977 बेंजामिन मुर्मू जेएनपी गोपीनाथ सोरेन आइएनडी 17031

1980 जॉन हेम्ब्रम एनएनसी-आइ शिव मरांडी जेएमएम 3835

1985 जॉन हेम्ब्रम आइएनसी संतलाल मरांडी जेएमएम 10473

1990 लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम महेंद्र हांसदा बीजेपी 7963

1995 लोबिन हेम्ब्रम आइएनडी मनींद्र हांसदा बीजेपी 9603

2000 लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम ताला मरांडी आइएनसी 6679

2005 ताला मरांडी बीजेपी लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम 6319

2009 लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम ताला मरांडी बीजेपी 9040

2014 ताला मरांडी बीजेपी लोबिन हेम्ब्रम जेएमएम 712


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