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किसी भी बड़ी पार्टी को आधी आबादी पर भरोसा नहीं

जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रहे है। चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है। आज-कल केवल चुनाव की बात कर रहे है। कोई किसी को हरा रहा है तो कोई किसी को जीताने में लगे है। चाहे चाय की दुकान हो या फिर पान की हर जगह चुनाव की चर्चा सूनी जा सकती है। ऐसे में आज-कल साहिबगंज शहर स्थित बाटा चौक राजनीति का अड्डा बना हुआ है। यहां सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही रहती है। यहां हर पार्टी के लोग व कार्यकर्ता को देखा जा सकता है। सभी आमने सामने खड़ा होकर चुनावी चर्चा करते है। वहीं कई पार्टी से नाराज चल रहे कार्यकर्ता भी यहां पहुंच कर इस बार चुनावी चर्चा में शामिल हो रहे है। चुनावी चर्चा की बीच किसी भी दल द्वारा महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिये जाने का चर्चा भी गर्म होने लगा है। इधर नामांकन कार्य पूरा हो चुका है। बुधवार को स्कूटनी किया जा रहा है। लेकिन जिले के तीन

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 05:48 PM (IST)
किसी भी बड़ी पार्टी को आधी आबादी पर भरोसा नहीं
किसी भी बड़ी पार्टी को आधी आबादी पर भरोसा नहीं

ओम प्रकाश, साहिबगंज

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जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र में से किसी में भी किसी भी बड़ी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी ने आधी आबादी पर भरोसा नहीं जताया है। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व आजसू ने जिले के राजमहल, बोरियो व बरहेट विधानसभा सीट पर महिला प्रत्याशी को नहीं उतारा है। ऐसे मे कहा जा सकता है कि इन पार्टियों को आधी आबादी पर भरोसा नहीं है। वैसे आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने बरहेट व एआइएमआइएम पार्टी ने राजमहल विधानसभा सीट से महिला प्रत्याशी को उतारा है। वहीं कई महिला प्रत्याशी निर्दल चुनाव में भाग्य आजमा रही हैं। तीनों विधानसभा क्षेत्र कुल पांच महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें बरहेट से तीन तथा बोरियो व राजमहल से एक-एक महिला प्रत्याशी हैं। बरहेट विधानसभा क्षेत्र से लीली हांसदा, मेरी निशा हांसदा व शीला, बोरियो विधानसभा से ललिता सोरेन तथा राजमहल से एआइएमआइएम की नसीमा खानम एकमात्र महिला प्रत्याशी है।

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महिलाओं ने क्या कहा

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महिला-पुरुष में अब कोई अंतर नहीं रह गया है। महिलाओं को चुनाव में बराबर का हक मिलना चाहिए। ऐसे में किसी पार्टी द्वारा महिला को प्रत्याशी नहीं बना चिता का विषय है।

बबीता सोनी, साहिबगंज --------------------------------

महिलाएं किसी से कम नहीं रही। चुनाव में भी महिलाओं को भी प्रत्याशी बनाना चाहिए ताकि वे महिलाओं की आवाज बने सके लेकिन किसी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया जो चिता की बात है।

रूची भारतीया, साहिबगंज ------------------------------

महिलाओं के साथ आज काफी घटनाएं हो रही है। ऐसे में महिलाओं की आवाज बुलंद करने के लिए महिला प्रत्याशी होना चाहिए। सभी लोगों को इस पर विचार करने की जरूरत है।

श्यामलता केजरीवाल, साहिबगंज ----------------------------------

सभी पार्टी महिलाओं की उत्थान व 50 फीसद आरक्षण की बात तो करती है लेकिन चुनाव के समय महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में अनदेखी करती है जो काफी दुख की बात है।

यशोदा डालमिया, साहिबगंज -------------------

प्रत्याशी नहीं बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी पार्टी को महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए मौका देना चाहिए ताकि समाज में समानता रहे। महिला प्रत्याशी महिलाओं की आवाज को बुलंद कर सके।

शशि जाजोदिया, साहिबगंज


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