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एप्रोन वर्क नहीं रहने से फट रही जमीन

राजमहल प्रखंड अंतर्गत मोकिमपुर पंचायत के कमलैन बगीचा (कन्हैयास्थान) एवं शोभापुर गांव के पास गंगा तट पर पिछले चार-पांच दिनों से जमीन फट रही है। करीब एक हजार फीट की दूरी तक जमीन में दरार आने से स्थानीय ग्रामीण संभावित गंगा कटाव को लेकर काफी दहशत में है। इससे संबंधित विस्तृत खबर दैनिक जागरण अखबार में 15 एवं 16 जनवरी को क्रमश: Þगंगा किनारे जमीन में एक हजार फीट दरारÞ एवं Þगंगा में हलचल से फट रहा कलेजाÞ नामक शीर्षक से छपने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है और वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को गंगा पंप नहर के कनीय अभियंता घटना स्थल की जांच करने पहुंचे हैं। कनीय अभियंता ने बताया कि जमीन किस

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:53 AM (IST)
एप्रोन वर्क नहीं रहने से फट रही जमीन
एप्रोन वर्क नहीं रहने से फट रही जमीन

तालझारी (साहिबगंज): राजमहल प्रखंड की मोकिमपुर पंचायत के कमलैन बगीचा (कन्हैयास्थान) व शोभापुर गांव के पास गंगा तट पर पिछले चार-पांच दिनों से जमीन फट रही है। करीब एक हजार फीट की दूरी तक जमीन में दरार आ गई है। इससे स्थानीय ग्रामीण संभावित गंगा कटाव को लेकर काफी दहशत में है। इससे संबंधित खबर दैनिक जागरण में 15 व 16 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित की गई। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है।

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बुधवार को गंगा पंप नहर के कनीय अभियंता जीतेंद्र कुमार व मधुकर श्याम स्थल की जांच करने पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि जमीन किस कारण से नीचे धंस रही है, जांच का विषय है। ऐसा होना ग्रामीणों के साथ-साथ विभागीय ¨चता का विषय भी है। घटनास्थल का जायजा लेकर रिपोर्ट विभाग को देंगे। कहा कि यहां एप्रोन वर्क करने की आवश्यकता है। लेकिन गंगा तट पर पर्याप्त जगह अथवा जमीन नहीं रहने के कारण एप्रोन वर्क नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके वे अपनी ओर से कटाव रोकने का उपाय करने के लिए रिपोर्ट विभाग को भेजी जायेगी। इसके उपरांत विभाग जो निर्णय लेगी उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की होगी।

जमीन फटने से अब भी दशहत में ग्रामीण

राजमहल प्रखंड की मोकिमपुर पंचायत के कमलैन बगीचा एवं शोभापुर गांव के पास गंगा तट पर जमीन फटने से ग्रामीण संभावित गंगा कटाव को लेकर काफी दहशत में है। जमीन फटने की रफ्तार नहीं थम रही है। ग्रामीण और भी मुश्किल में घिरते जा रहे हैं। प्रतिदिन जमीन नीचे धंस रही है। इससे ग्रामीण रतजगा करने को विवश है। गंगा तट पर निवास कर रहे विफोल मंडल ने बताया कि उनके घर में खाना बनाने वाले चूल्हा के पास जमीन फट गई है। यह धीरे-धीरे प्रतिदिन बढ़ रहा है। इससे कभी भी उनका घर गंगा नदी में समा सकता है। श्री लाल पासवान पहले ही अपने घर को एक छोटी सी कुटिया में समेटकर परिवार संग रहते हैं। गरीबी के चलते वे कहीं जमीन खरीदकर घर बनाने में असमर्थ है। वार्ड सदस्य हरि मंडल के पक्का मकान के बरामदा में जमीन फट गई है। इसलिए वे घर में भयभीत माहौल में सोते हैं। रात को कई बार उठकर फटी जमीन को देखते है कि कहीं यह बढ़ तो नहीं रहा है। ग्रामीणों  ने यहां जमीन फटने से उत्पन्न हो रही गंगा कटाव की संभावना को लेकर जल्द ही बचाव का उपाय करने का आग्रह किया है। 


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