65 करोड़ की योजना, 300 हो चुके खर्च, नहीं मिला पानी
बरहेट (साहिबगंज) बरहेट व आसपास के क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर रौनक लाने के लिए
बरहेट (साहिबगंज) : बरहेट व आसपास के क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर रौनक लाने के लिए 44 साल पूर्व शुरू की गई गुमानी बराज सिचाई परियोजना आज तक अधूरी है। 65 करोड़ की योजना पर अब तक 300 करोड़ खर्च हो चुके हैं लेकिन इसके बाद भी किसानों की खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है। इस परियोजना के पूर्ण होने से साहिबगंज व पाकुड़ जिले की 16 हजार हेक्टेयर भूमि में सिचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। हजारों किसानों को इसका लाभ होगा। वर्तमान में एफलेक्स डैम के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं होने से मामला फंसा हुआ है।
जानकारी के अनुसार बरहेट प्रखंड क्षेत्र के खेरवा मौजा में गुमानी बराज परियोजना का शुभारंभ 1976 में हुआ था। लगभग 65 करोड़ खर्च का अनुमान था पर अब तक इस परियोजना पर 300 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। बराज बन कर तैयार हो चुका है लेकिन एफलेक्स बांध का निर्माण नहीं होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। एफ्लेक्स डैम निर्माण के लिए तीन मौजा में भूमि का अधिग्रहण करना है। रैयतों का सहयोग न मिलने से मामला अटका हुआ है। विधानसभा चुनाव के पूर्व अधिकारियों ने इसका दौरा किया था लेकिन पुन: मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
एफलेक्स डैम के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी : गुमानी बराज सिचाई परियोजना के सहायक अभियंता महेंद्र पासवान के अनुसार एफलेक्स डैम के लिए 112 एकड़ जमीन अधिग्रहण जरूरी है। इसके लिए तीन मौजा क्षेत्र बाबुपुर, पहाड़पुर तथा पंचकठिया के क्षेत्र में पड़ने वाली जमीनों का अधिग्रहण करना है। इसके लिए विशेष भू-अर्जन विभाग दुमका का अमीन कई बार रैयतों से एनओसी लेने के लिए आया पर रैयतों ने सहयोग नहीं किया। इस वजह से भूमि अधिग्रहण का कार्य आज तक अधूरा पड़ा है।
सहायक अभियंता ने बताया कि एफलेक्स बांध के लिए 2015 में ही डीपीआर तैयार किया गया था। इसके लिए 19 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, पर परियोजना में देरी होने के कारण अब इसकी लागत बढ़ सकती है। फिर से रिवाइज कर नई दर में शेड्यूल तैयार करना होगा, पर इसके लिए लोगों का सहयोग जरूरी है। तभी इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ क्षेत्र के लोगों को मिल सकेगा।
परियोजना को चालू करने के लिए 50 मीटर पानी का लेवल जरूरी : गुमानी बराज परियोजना से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए उसमें 50 मीटर पानी होना जरूरी है। फाटक बंद करने पर बराज से पहले के इलाकों में पानी फैलने लगता है। इसके मद्देनजर वहां बांध निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। बांध का निर्माण होने से निचले इलाके के लोगों को नुकसान नहीं होगा और वहां पानी को स्टोर भी किया जा सकेगा।
सिचाई परियोजना के चालू होने से 16 हजार हेक्टेयर भूमि में होंगे खेतों की सिचाई : जिले की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार गुमानी बराज परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने से साहिबगंज तथा पाकुड़ जिले के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। इस परियोजना के चालू होने पर सालों भर किसान अपनी जमीन में फसल के उपजा कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
बताया जाता है कि इस परियोजना से साहिबगंज जिले के बरहेट, पतना, बरहड़वा के अलावा पाकुड़ जिले के हिरणपुर, लिट़्टीपाड़ा, पाकुड़ सहित अन्य प्रखंडों की लगभग 16000 हेक्टेयर भूमि पर सालोंभर खेती हो सकेगी। सिचाई सुविधा मिलने से सभी तरह की फसल पैदा हो सकेगी। फिलहाल इन इलाकों में केवल धान की फसल होती है।