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जब जान देने मसानजोर डैम में कूदी बंगाल की युवती, फरिश्‍ता बनकर पहुंचे दो जाबांज

पानी में एक बार डुबकी लगाने के बाद जैसे ही युवती पानी के ऊपर आई दोनों ने जान की परवाह न करते हुए 80 फीट गहरे पानी में छलांग लगा दी और युवती को पकड़ लिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 01:39 PM (IST)
जब जान देने मसानजोर डैम में कूदी बंगाल की युवती, फरिश्‍ता बनकर पहुंचे दो जाबांज
जब जान देने मसानजोर डैम में कूदी बंगाल की युवती, फरिश्‍ता बनकर पहुंचे दो जाबांज

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। झारखंड के दुमका के दो जाबांजों की वीरता को सलाम है, जिन्होंने 80 फीट गहरे पानी में कूदकर एक युवती की जान बचा ली। हुआ यूं कि बीते 16 जनवरी को मसानजोर डैम घूमने आई बंगाल की एक युवती ने दिन में करीब दो बजे आत्महत्या करने के उद्देश्य से वहां टहलने के लिए बने पुल से अस्सी फीट गहरे पानी में कूद गई। डैम के सुरक्षा कर्मी अंथोनी सोरेन और पर्यटकों की तस्वीर खींचने वाले सागर राणा ने जब यह देखा तो उन्होंने जान की परवाह किए बिना युवती को बचाने के लिए टहलने के लिए बने पुल से पानी में छलांग लगा दी।

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करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों ने युवती को पानी से किसी तरह से बाहर निकाल लिया और उसकी जान बचा ली।  समाजसेवी ठाकुर श्याम सुंदर सिंह ने रविवार को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर उन्हें पांच-पांच हजार रुपये का पुरस्कार देकर उनकी हौसलाअफजाई की। बताया गया कि 16 जनवरी को दिन में निजी कंपनी के अधीन काम करने वाला एंटोनी सोरेन (34) गेट पर सुरक्षा ड्यूटी कर रहा था।

मसानजोर के बांदरकोंदा गांव के एंटोनी के पिता गोपाल सोरेन डैम में काम करते हैं। वहीं, मसानजोर का ही रहने वाला 19 साल का सागर राणा भी डैम पर फोटो खिंचवाने वाले पर्यटकों का इंतजार कर रहा था। करीब दो बजे बंगाल की एक युवती घूमते हुए डैम पुल के बीचोंबीच पहुंची और सबके सामने पानी में छलांग लगा दी। लोगों का शोर सुनकर दोनों युवक सारा काम छोड़कर पुल पर पहुंचे।

पानी में एक बार डुबकी लगाने के बाद जैसे ही युवती पानी के ऊपर आई, दोनों ने जान की परवाह न करते हुए 80 फीट गहरे पानी में छलांग लगा दी और युवती को पकड़ लिया। दोनों युवती का एक-एक हाथ पकड़कर किसी तरह से सुरक्षित बाहर लेकर आ गए। सागर व एंटोनी ने कहा कि मन में डर था, लेकिन सुरक्षा जैकेट न होते हुए भी युवती को बचाने का निर्णय लिया। अगर जरा देर हो जाती तो युवती का पता नहीं चलता।

इधर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने कहा कि दोनों ने वाकई में वीरता का काम किया है। इससे दूसरों को प्रेरणा लेने की जरूरत है।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उपायुक्त को उनकी वीरता के बारे में बताया जाएगा।


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