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हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्‍हा ने थामा ममता बनर्जी का हाथ, जानें उनके सांसद पुत्र ने क्‍या कहा

Yashwant Sinha Hazaribagh Jharkhand News यशवंत सिन्हा केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से ही भाजपा के विरोध में बयान देते आए हैं। इसके बाद उन्होंने 21 अप्रैल 2018 को भाजपा छोड़ दी थी। अभी उनके पुत्र हजारीबाग से सांसद हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 03:37 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 06:03 PM (IST)
हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्‍हा ने थामा ममता बनर्जी का हाथ, जानें उनके सांसद पुत्र ने क्‍या कहा
Yashwant Sinha Hazaribagh Jharkhand News जयंत सिन्‍हा और यशवंत सिन्‍हा की फाइल फोटो।

रांची, जेएनएन। Yashwant Sinha Hazaribagh Jharkhand News हजारीबाग के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज कोलकाता में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यशवंत सिन्हा के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर उनके पुत्र जयंत शनिवार को थोड़े असहज दिखे। झारखंड के रामगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह बात तो उनसे (यशवंत सिन्हा) से ही पूछनी चाहिए। वैसे बंगाल में इस बार असल परिवर्तन होगा। वहां भाजपा भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। शनिवार को सांसद जयंत सिन्‍हा रामगढ़ डीसी कार्यालय में दिशा की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। बैठक के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा जीतेगी। अपने पिता से जुड़े सवाल का जवाब देने के बाद वे पत्रकार वार्ता से उठ कर चले गए।

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झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इस पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि जिस प्रकार बीते दिनों में भारतीय जनता पार्टी यशवंत सिन्हा और उनके पुत्र के साथ दुर्व्यवहार कर रही थी, स्वाभाविक तौर पर उस दुर्व्यवहार का यह परिणाम है। जसवंत सिन्हा जी को बीजेपी के खिलाफ एक प्लेटफार्म चाहिए था और वह प्लेटफार्म बंगाल में मिल गया। इसलिए उन्‍होंने ममता बनर्जी का दामन थाम लि‍या।

झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भारत के संविधान और कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी दल का सदस्य बन सकता है। जयंत सिन्हा जी भाजपा के साथ लंबे समय से जुड़े रहे हैं और दो बार के सांसद भी हैं। इन दोनों घटनाओं को जोड़कर देखना उचित नहीं।

भाजपा के टिकट पर तीन बार रहे हैं सांसद

हजारीबाग से तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके सिन्हा के इस कदम से पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को झटका लग सकता है। हालांकि पार्टी इससे हतप्रभ नहीं है, क्योंकि यशवंत सिन्हा केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से ही भाजपा के विरोध में बयान देते आए हैं। इसके बाद उन्होंने 21 अप्रैल 2018 को भाजपा छोड़ दी थी। वे केंद्र की सरकार में वित्त मंत्री और अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री रह चुके हैं।

बता दें कि वर्तमान में उनके पुत्र जयंत सिन्हा हजारीबाग से भाजपा के सांसद हैं। यशवंत सिन्हा ने अपने जीवन के शुरुआती दौर में प्रशासनिक सेवा में कार्य किया। वे सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट, अवर सचिव व उप सचिव के पद पर रहे हैं। प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद वे जनता पार्टी से जुड़े। जून 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने।


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