सामाजिक संरचना में बदलाव के लिए पैशन के साथ करें काम
बहुत काम हुए हैं और काम करने की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, रांची: बहुत काम हुए हैं और काम करने की आवश्यकता है। अगर आप समाजिक संरचना में बदलाव लाना चाहते हैं, तो उस संरचना में अपनी उपस्थिति कायम करें। जहां भी काम कर रहे हैं, समाज में मूलभूत परिवर्तन लाने की कोशिश करें। उक्त बातें रविवार को यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के उप महाप्रबंधक सुधीर कुमार सिंहा ने कही। वे संत जेवियर्स कॉलेज में यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया एससी-एसटी इंप्लॉयज वेलफेयर परिषद् की 12 वीं त्रैमासिक महासभा में बोल रहे थे। उप महाप्रबंधक ने कहा कि कई सरकारी योजनाएं हैं। जिनका लाभ लोगों को नहीं मिल पाता है। उसके बारे में लोगों को बताएं। सभी बैंक कर्मी जहां भी हैं कोशिश करें समाज में मूलभूत परिवर्तन लाने की। पैशन व डेडीकेशन के साथ काम करें। विशिष्ट अतिथि पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा कि जिस दिन सरकार ने जंगल को अपने हाथ में लिया सब बर्बाद कर दिया। अगर सरकार को जिम्मा देते तो आज एक भी जंगल नहीं रहता। उन्होंने कहा कि हमको दुनिया में विकास नहीं विनाश दिखता है। जिसको बर्बाद होना वो आदमी से लड़ता है। लेकिन जो आदमी सहता है वहीं बढ़ता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान रहेगा तो गांव, राज्य और देश चला सकते हैं। जिस दिन हमलोग एक हो जाएंगे सब ठीक हो जाएगा।
वहीं, पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि आज हमलोग पढ़ लिख रहे हैं और कमाई कर रहे हैं। लेकिन खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि हम समय के साथ विकास कर रहे हैं। लेकिन हमें पुरखों की रिति-प्रीति नहीं भूलना चाहिए। आदिवासी समाज मेहनत करने वाला समाज है। पहले पूरा देश कृषि आधारित था। लेकिन आज हम गांव, घर, खेती-बाड़ी छोड़कर शहर की ओर जा रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी सब भूलते जा रही है। हमारी मात्रृभाषा हो भूल गए हैं। मौके पर यूबीआई एससी-एसटी अध्यक्ष राम बली राम ने कहा कि एससी-एसटी समाज के लोगों के लिए आगे बढ़ कर काम करने की जरूरत है।
ये रहे मौजूद
एस्थर केरकेंट्टा, आरके राजू, नवीन, विक्रम, अमर जीत सिसोदिया, प्रमोद, चंदा कुमारी व कई अन्य मौजूद थे।