50% से कम रिजल्ट वाले कस्तूरबा विद्यालयों से हटाई जाएंगी शिक्षिकाएं
Jharkhand. राज्य सरकार ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में खराब रिजल्ट लाए कस्तूरबा विद्यालयों में योग्य शिक्षिकाओं की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। जिन कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट में रिजल्ट 50 फीसद से कम हुआ, उन विद्यालयों की वार्डेन तथा शिक्षिकाएं सेवामुक्त होंगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्णय लिया है। इसके लिए जवाबदेह सभी संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। दंडात्मक कार्रवाई की जद में वैसी वार्डेन व शिक्षिकाएं भी हैं, जिनका रिजल्ट 80 फीसद से कम हुआ है।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य कार्यकारिणी समिति ने ऐसे कस्तूरबा स्कूलों, जिनमें 50 फीसद से कम छात्राएं मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा में पास हुई हैं, उन सभी स्कूलों की वार्डेन तथा शिक्षिकाओं को नोटिस जारी कर सेवामुक्त करने का आदेश दिया है। इनके बदले अन्य योग्य शिक्षिकाओं की नियुक्ति होगी। यह कार्रवाई स्थायी व पार्ट टाइम शिक्षिकाएं दोनों पर होगी।
इसी तरह, जिन स्कूलों में 80 फीसद से कम रिजल्ट हुआ है, उन स्कूलों की वार्डेन व शिक्षिकाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। ये हटाई तो नहीं जाएंगी, लेकिन उनके मानदेय में कटौती या अन्य दंडात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही ऐसे जिले जहां का रिजल्ट 50 फीसद से कम हुआ है, उन जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कस्तूरबा स्कूलों के प्रभारी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी को भी कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों व प्रखंड स्तर के अन्य पदाधिकारियों को भी शोकॉज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। कई स्कूलों में मैट्रिक के नामांकन के अनुपात में अधिक छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुई हैं। इसकी भी जांच का आदेश दिया गया है कि अधिक छात्राएं प्राइवेट के रूप में शामिल हुईं या पूर्व वर्ष की फेल छात्राएं हैं।
विषयवार कार्रवाई होने पर 40 से 50 शिक्षिकाएं दायरे में
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद स्कूलों के रिजल्ट का विषयवार आकलन कर रहा है। इस वर्ष मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट में बेहतर रिजल्ट होने से कम ही कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय ऐसे हैं, जहां दोनों परीक्षाओं में 50 फीसद से कम रिजल्ट हुआ है। फिर भी राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। विषयवार आकलन करने से ऐसे विद्यालयों की 40 से 50 शिक्षिकाएं सेवामुक्त हो सकती हैं। वहीं, 70 से 80 शिक्षिकाओं पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
सिमडेगा में 242 छात्राएं, आठ परीक्षा में बैठीं, महज एक पास
खराब रिजल्ट के लिए जिन पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी है, उसमें सबसे अधिक सिमडेगा के पदाधिकारी शामिल हैं। यहां के सात कस्तूरबा विद्यालयों में इंटरमीडिएट में 242 नामांकित थीं। इनमें से महज आठ परीक्षा में बैठीं तथा एक छात्रा ही परीक्षा पास कर सकी।
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