Move to Jagran APP

गांव की सरकार को सशक्त कर रहीं महिलाएं

रांची, राज्य ब्यूरो। गांव की सरकार में लगभग 56 फीसद की भागीदारी निभा रहीं महिला पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण विकास का मजबूत आधार बनकर उभर रही हैं। उनमें न सिर्फ पंचायत प्रशासन की समझ विकसित हो चुकी है, बल्कि अब वे पंचायतों के संविधान प्रदत्त अधिकारों के लिए मुखर भी होने लगीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:47 PM (IST)
गांव की सरकार को सशक्त कर रहीं महिलाएं
गांव की सरकार को सशक्त कर रहीं महिलाएं

रांची, राज्य ब्यूरो। गांव की सरकार में लगभग 56 फीसद की भागीदारी निभा रहीं महिला पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण विकास का मजबूत आधार बनकर उभर रही हैं। उनमें न सिर्फ पंचायत प्रशासन की समझ विकसित हो चुकी है, बल्कि अब वे पंचायतों के संविधान प्रदत्त अधिकारों के लिए मुखर भी होने लगीं हैं। एक स्थानीय होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह दावा किया। मौके पर गैर सरकारी संस्था क्रिया द्वारा महिला सशक्तिकरण पर एक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट राज्य के चार जिलों की 112 पंचायतों के क्षेत्र भ्रमण पर आधारित है। इन जिलों में क्रिया द्वारा 'मेरी पंचायत मेरी शक्ति' कार्यक्रम पिछले तीन वर्षो से संचालित है।

loksabha election banner

रांची, हजारीबाग, चतरा और सिंहभूम के 10 प्रखंडों में सात एनजीओ पार्टनर की मदद से संचालित योजनाओं पर क्रिया की प्रोग्राम निदेशक मधुमिता दास और प्रोग्राम को-आर्डिनेटर नसरीन जमाल ने विस्तार से जानकारी दी। रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में महिला पंचायत प्रतिनिधि जहां अपने अधिकारों का खुलकर उपयोग नहीं कर पाती थीं, वहीं अफसरों के समक्ष विकास की बातें करने से घबराती थीं। लगातार दो-तीन सालों के प्रयास और प्रशिक्षण से उनकी भटक खुली है। अब महिला प्रतिनिधि योजनाओं के चयन से लेकर उसके क्रियान्वयन तक में अपनी भूमिका निभा रहीं हैं।

झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेमतोष चौबे ने झारखंड के पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण से जुड़े पहलुओं की जानकारी दी। भोजन का अधिकार से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता बलराम ने पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका आदि क्षेत्रों में पंचायत प्रशासन की भूमिका को रेखांकित किया। झारखंड फाउंडेशन के निदेशक डा. विष्णु राजगढि़या, सीटीआई के प्राचार्य अजीत सिंह, मंथन युवा संस्थान के सीइओ सुधीर पाल आदि ने भी अपने विचार रखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.