महिला का निधन, स्वजनों ने लगाया अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
आरसीएमएस चूरी शाखा के सचिव सोनू पाडेय की माता व अवकाशप्राप्त सीसीएल ओवरमैन ब
संसू, खलारी : आरसीएमएस चूरी शाखा के सचिव सोनू पाडेय की माता व अवकाशप्राप्त सीसीएल ओवरमैन ब्रजभूषण पाडेय की पत्नी 68 वर्षीय कौशल्या पाडेय का निधन की रविवार रात हो गया। वे बीपी, सूगर की मरीज थी। परेशानी होने पर उन्हें डकरा स्थित सेंट्रल अस्पताल लाया गया। यहा इलाज के बाद उन्हें राची रेफर किया गया। लेकिन राची पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनका निधन हो गया। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार सपही नदी के घाट पर कर दिया गया। सोनू पाडेय की माता के निधन पर श्रमिक संगठनों सहित अन्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है। इधर, स्वजनों का कहना है कि सीसीएल सेंट्रल अस्पताल डकरा की ओर से राची पहुंचने के लिए जो ऑक्सीजन सिलिंडर दिया गया था उसमें माडर पार करने के साथ ही ऑक्सीजन खत्म हो गया। इसके बाद थोड़ी ही देर में एंबुलेंस में उनकी मृत्यु हो गई। स्वजन इसे सेंट्रल अस्पताल की लापरवाही बता रहे हैं। इधर, सीसीएल सेंट्रल अस्पताल डकरा के सीएमओ डा. ललन दास ने ऑक्सीजन खत्म होने के आरोप को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि एंबुलेंस लौटकर आने पर सिलिंडर को चेक किया गया है उसमें अभी भी ऑक्सीजन बचा हुआ है। वहीं, अस्पताल की लचर व्यवस्था के विरोध में आरसीएमएस यूनियन ने पूरे एनके क्षेत्र की ट्रासपोर्टिंग तथा डिस्पैच का काम बंद करवा दिया। बताया गया कि रविवार को जिस प्रकार से एंबुलेंस तथा ऑक्सीजन के अभाव में एक श्रमिक नेता की मा का निधन हुआ उसने एनके एरिया सेंट्रल अस्पताल की कलई खोल कर रख दिया है। आरसीएमएस के क्षेत्रीय सचिव अब्दुल्ला अंसारी ने कहा कि मजदूर दिन-रात मेहनत करके रिकॉर्ड उत्पादन करते हैं। उस क्षेत्र के अस्पताल में मजदूरों के लिए एक एंबुलेंस और पर्याप्त ऑक्सीजन न होना एनके प्रबंधन के लिए शर्म की बात है। सेंट्रल अस्पताल का हाल जब मजदूरों को बतलाया गया तो नाराज होकर सभी कामगारों ने स्वेच्छा से काम बंद कर दिया। बाद में श्रमिक नेताओं व प्रबंधन के बीच वार्ता हुई। वार्ता में प्रबंधन ने विश्वास दिलाया कि ऑक्सीजन एवं एंबुलेंस के अभाव में किसी भी मजदूर एवं ग्रामीण विस्थापित की मृत्यु नहीं होगी। वार्ता में केडीएच पीओ मनोज कुमार, मैनेजर प्रमोद कराड़िया तथा यूनियन की ओर से एरिया अध्यक्ष बीएन पाडेय, अब्दुल्ला अंसारी, मुमताज अहमद, जया आलम, पजु महतो, रंजीत कुमार, कन्हैया कुमार आदि शामिल थे।