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18 वर्ष से ऊपर की विधवाओं को पेंशन, छात्रावासों में 337 रसोइया की होगी नियुक्ति

Jharkhand Assembly. कल्‍याण मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पेंशन के लिए राशि की नहीं होगी कमी। मंत्री ने आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका को सम्मानजनक मानदेय देने की भी बात कही।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:27 PM (IST)
18 वर्ष से ऊपर की विधवाओं को पेंशन, छात्रावासों में 337 रसोइया की होगी नियुक्ति
18 वर्ष से ऊपर की विधवाओं को पेंशन, छात्रावासों में 337 रसोइया की होगी नियुक्ति

रांची, राज्य ब्यूरो। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझा ने कहा है कि राज्य सरकार 18 वर्ष से ऊपर की सभी बीपीएल विधवाओं को पेंशन देने पर विचार करेगी। उन्होंने विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार के उत्तर के क्रम में यह आश्वासन माले विधायक विनोद कुमार सिंह की मांग पर दिया। अभी तक 40 से 79 वर्ष की विधवा महिलाएं, जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 7,995 रुपये प्रतिवर्ष एवं शहरी क्षेत्रों में 9,974 रुपये प्रतिवर्ष से कम है, उन्हें विधवा पेंशन दिया जाता है।

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मंत्री ने कल्याण विभाग की छात्रावासों में रसोइए के 337 रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली की भी बात कही। बताया कि रसोइया के 519 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 222 ही कार्यरत हैं। उन्होंने सभी योग्य लाभुकों को समय पर पेंशन देने की बात कहते हुए कहा कि इसमें राशि की कमी होने नहीं दी जाएगी। मंत्री ने आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका को सम्मानजनक मानदेय देने की भी बात कही। इधर, मंत्री के आश्वासन के बाद विधायक विनोद कुमार सिंह ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया। इसी के साथ विपक्ष के बहिष्कार के बीच विभाग की 18,12,29,38,000 रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से स्वीकृत हो गईं।

छात्रावासों में रहते बाहरी छात्र

मंत्री ने स्वीकार किया कि कल्याण विभाग के छात्रावासों में बाहरी छात्र भी घुसकर रह रहे हैं। उन्होंने विधायकों से अपील की कि यदि उनके क्षेत्र के छात्रावासों में ऐसा है तो बाहरी छात्रों को वहां से हटाएं।

एनजीओ को स्कूल देने की जांच की मांग

विधायक बंधु तिर्की ने कल्याण विभाग के स्कूलों के संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ को देने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को 12-12 स्कूल दे दिए गए। उन्होंने इसकी जांच की मांग की। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने पिछली सरकार में आरएसएस के लोगों को अस्पताल व स्कूल संचालन की जिम्मेदारी देने का आरोप लगाया। सीपी सिंह ने इसपर आपत्ति करते हुए इसे साबित करने की चुनौती दी। इसपर प्रदीप यादव ने विकास भारती का नाम लेते हुए सवाल उठाया।

बाल कल्याण की एक फीसद भी राशि खर्च नहीं

विधायक विनोद कुमार सिंह ने बाल कल्याण की योजनाओं में एक फीसद भी राशि खर्च नहीं होने पर सवाल उठाया। इनमें पोषण अभियान, आंगनबाड़ी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण तथा किशोर न्याय निधि जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने जानकारी दी कि बगोदर में कल्याण विभाग के छात्रावास छह वर्ष में भी पूरा नहीं हुआ। वहीं, आजसू विधायक लंबोदर महतो ने आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार बंद होने तथा वृद्धा व विधवा पेंशन के हजारों आवेदन लंबित होने पर सवाल उठाया।

विस : प्रदीप यादव ने दी इस्तीफे की धमकी

राज्य के कल्याण छात्रावासों की बदहाल स्थिति का मामला प्रदीप यादव ने ध्यानाकर्षण के जरिए उठाया। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत छात्रावासों में अगर ठीकठाक व्यवस्था होगी तो वे विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे देंगे। मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य में 563 छात्रावास है। शिक्षण संस्थान को देखभाल का दायित्व है। प्रदीप यादव ने कहा कि सभी छात्रावासों की बुरी स्थिति है। गोड्डा कालेज में 400 विद्यार्थियों पर दो चापाकल है, जिसमें एक खराब है। स्टीफन मरांडी ने भी कहा कि किसी भी छात्रावास में व्यवस्था नहीं है।


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