जब एक विधायक ने दूसरे विधायक से कहा, 'बैठो अभी तुम बच्चा हो' Jharkhand Budget Session
Jharkhand Budget Session. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। विधायकों ने कसे तंज। भाजपा के विधायक करते रहे हंगामा।
रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के बजट सत्र की दूसरी पाली में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मंगलवार को एक बार विधायक बंधु तिर्की और रणधीर सिंह आपस में भिड़ गए। बात तू-तू, मैं-मैं तक पहुंच गई। दरअसल, बंधु ने दावा ठोका कि रांची में हज हाउस का निर्माण उन्होंने और भानु प्रताप शाही ने शुरू करवाया था। इसपर रणधीर सिंह जोर-जोर से बोलने लगे। बंधु ने रणधीर सिंह को बैठने की नसीहत देते हुए कहा, 'बैठो अभी तुम बच्चा हो'। रणधीर ने भी सवाल किया कि ये बहुत अनुभवी हैं क्या?
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा तथा अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने पिछली रघुवर सरकार पर आदिवासी विरोधी होने के आरोप लगाए। उन्होंने जैसे ही कहा कि रघुवर सरकार ने आदिवासियों को झारखंड से भगाने का संकल्प ले लिया था, भाजपा विधायक भड़क उठे। उनके द्वारा मूल विषय से हटकर इस तरह वक्तव्य देने की निंदा करते हुए विपक्ष के कुछ विधायक वेल में भी पहुंच गए।
इस दौरान लोबिन ने कहा कि झारखंड में इतने सीएम बने, लेकिन किसी भी सीएम ने रघुवर दास जैसा आदिवासी विरोधी बयान नहीं दिया था। झामुमो के ही विधायक स्टीफन मरांडी ने भी उनके पक्ष में खड़ा होते हुए कहा कि रघुवर दास ने बयान दिया था कि यह पहला राज्य होगा जो आदिवासी मुक्त होगा। इस दौरान दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे। लगभग आधे घंटे तक सदन में हंगामा होता रहा।
लोबिन ने यह भी कहा कि राज्य गठन से पहले बिहार विधानसभा में यह कहा गया था कि जबतक झारखंड का पूरा विकास नहीं हो जाता तबतक आदिवासी ही मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन भाजपा ने गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया। अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक ने भी लोबिन पर पलटवार करते पूछा कि झारखंड को किसने दिल्ली में बेचा था, इसे भी उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रघुवर दास ने जब कहा था कि उनके कान आदिवासी शब्द सुनते-सुनते थक गए हैं तो उनकी भावना आदिवासियों के विकास को लेकर थी न कि आदिवासी विरोधी।
भाजपा ने किया बहिष्कार
अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक तो सदन में रहे, लेकिन सरकार के उत्तर के समय भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया।