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एक साथ चार वर्षों की हो रही परीक्षा, 252 पदों पर होनी है नियुक्ति, जानें अब तक क्या हुआ

JPSC EXAM DATE सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में 24 दिसंबर को याचिका दाखिल की गई। एकलपीठ में सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया गया है।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 08:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 08:21 PM (IST)
एक साथ चार वर्षों की हो रही परीक्षा, 252 पदों पर होनी है नियुक्ति, जानें अब तक क्या हुआ
JPSC EXAM आठ फरवरी 2021 को एक साथ चार जेपीएससी की परीक्षा लेने का फैसला लिया गया।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार ने छह फरवरी 2021 को झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली-2021 बनाया। आठ फरवरी 2021 को एक साथ चार जेपीएससी की परीक्षा लेने का फैसला लिया गया। वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 के लिए 252 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया। इसमें उम्र के निर्धारण का मामला भी हाई कोर्ट पहुंचा था, लेकिन अदालत ने इसमें हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए इसे सरकार का अधिकार बताया था। 19 सितंबर 2021 को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया। जेपीएससी ने एक नवंबर 2021 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी करते हुए 4293 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया। जिसमें आरक्षण दिया गया।

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24 दिसंबर को आरक्षण का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में 24 दिसंबर को याचिका दाखिल की गई। एकलपीठ में सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया गया है। अदालत ने यह कहते हुए मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग वाली आइए याचिका को खारिज कर दिया कि उनकी ओर से उठाया गया मुद्दा पूर्वानुमान पर आधारित है। ऐसे में मुख्य परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसके खिलाफ 21 जनवरी को कुमार सन्यम ने खंडपीठ में अपील दाखिल कर विशेष सुनवाई का आग्रह किया। इस पर अदालत ने 24 जनवरी को पहली सुनवाई की।

अदालत ने जेपीएससी से पूछे चार सवाल 

प्रार्थी की अपील पर 24 जनवरी को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने जेपीएससी से चार सवाल पूछे थे।

पहला- अदालत ने पूछा कि जब सामान्य कैटेगरी के पद 114 थे, तो किस आधार पर सिर्फ 768 अभ्यर्थी ही चयनित हुए। जबकि नियमानुसार 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए।

दूसरा-नियमावली के अनुसार आरक्षित श्रेणी के लिए कट ऑफ अंक घटाया जा सकता है, तो सामान्य

कैटेगरी के लिए ऐसा क्यों नहीं।

तीसरा- किस-किस कैटेगरी में कितने-कितने अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। इसका चार्ट कोर्ट में पेश करें।

चौथा- जेपीएससी ने किस नियम के तहत कैटेगरीवाइज अभ्यर्थियों को चयनित किया है और किस आधार पर कट ऑफ अंक निर्धारित किया है।

जेपीएससी के स्टैंड बदलने पर कोर्ट नाराज 

एकलपीठ में सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से कहा गया था कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में किसी प्रकार से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। वहीं, अपील पर सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने कहा कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। अदालत ने जेपीएससी के स्टैंड पर नाराजगी जताते हुए इसे अपने आदेश में रिकॉर्ड किया है।

जेपीएससी ने कहा, नियम के तहत दिया आरक्षण

जेपीएससी की ओर से दाखिल शपथ पत्र में कहा गया है कि झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली-21 के नियम 18 के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। प्रार्थी ने अपने जवाब में कहा कि विज्ञापन की कंडिका 11 के (2-3) में यह स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण का लाभ प्रारंभिक परीक्षा नहीं, बल्कि अंतिम परिणाम जारी करने के दौरान दिया जाएगा। इसलिए प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम असंवैधानिक है।


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