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Covid Care: पोस्ट कोविड बच्चों में क्या है परेशानी, अध्ययन करने में जुटा रिम्स

Covid Care रिम्स तीसरी लहर के मुकाबले की तैयारी में जुट गया है। अब तक आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चे सर्वाधिक इसके शिकार होंगे। इस महामारी में बहुत सारे बच्चे शिकार हो चुके हैं। कोविड से बच्चों में विभिन्न तरह की परेशानियां आ रही हैैं।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:48 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 11:48 PM (IST)
Covid Care: पोस्ट कोविड बच्चों में क्या है परेशानी, अध्ययन करने में जुटा रिम्स
किस-किस तरह की परेशानियां बच्चों में देखने को मिल रही हैं, इसका अध्ययन करने में रिम्स जुटा है।

रांची [शक्ति सिंह] । रिम्स तीसरी लहर के मुकाबले की तैयारी में जुट गया है। अब तक आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चे सर्वाधिक इसके शिकार होंगे। इस महामारी में बहुत सारे बच्चे शिकार हो चुके हैं। कोविड से बच्चों में विभिन्न तरह की परेशानियां वयस्कों की तरह आ रही हैैं।

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अस्पताल आ रहे बच्चों का लिया जा रहा हिस्ट्री :

फिलहाल रिम्स इस अभियान में जुट गया है कि किस-किस तरह की परेशानियां बच्चों में देखने को मिल रही हैं और उसका उपचार किस तरह किया जाए, ताकि समय रहते बच्चे की जान बचाई जा सके। ठीक हुए वयस्कों में लंग्स इंफेक्शन, हार्टअटैक, लिवर की शिकायतें ज्यादा हैं। जिन्हें ठीक करने के लिए पहले से ही दवाइयां शुरू कर दी जाती है ताकि कोई भी परेशानी मरीज को न हो। दूसरों को किस तरह की परेशानियां आ रही हैं। इसके लिए सर्जरी विभाग इलाज के लिए  अस्पताल आ रहे पोस्ट कोविड बच्चों की पूरी हिस्ट्री ले रहा है।

एक माह में जारी करनी है रिपोर्ट :

रिम्स एक महीने में इसकी रिपोर्ट जारी कर देगा। दो दिनों से बच्चों के चिकित्सक अध्ययन में जुट गए हैं। इन दो दिनों में 8 बच्चे ऐसे आए हैं जिनको पेट में दर्द और आंत में आंत का सटना सहित अन्य समस्याएं हैं।

जिन अभिभावकों ने बच्चे के बीमार रहने पर कोविड जांच नहीं कराई है, वैसे बच्चों के अभिभावकों से स्वास्थ्य संबंधित सभी जानकारी और परिवार में किसी सदस्य को कोरोना होने की पूरी जानकारी ली जा रही है। लक्षण के आधार पर ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उनकी जांच की जा रही है।

 एंटीबॉडीज की जांच :

कोविड से ठीक हो चुके उन बच्चों की एंटीबॉडीज की जांच की जा रही है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्या लेकर अस्पताल अपने अभिभावकों के साथ पहुंच रहे हैं। एंटीबॉडीज की जांच का मकसद यह पता करना है कि मरीज को पहले कोविड हुआ था या नहीं।  कई चिकित्सकों का कहना है कि अगर समय रहते संबंधित जानकारी मिल जाए तो मरीज को किसी भी तरह की परेशानी जल्द नहीं होगी। एक सही दिशा में मरीज का इलाज लक्षण के आधार पर किया जा सकेगा।

तीसरी लहर की तैयारी को लेकर वैसे बच्चों पर अध्ययन किया जा रहा है जो पोस्ट कोविड रिम्स में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शोध के बाद निकलने वाले निष्कर्ष से इलाज में सहूलियत होगी। एक माह में

रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।

- डॉक्टर अभिषेक रंजन,

पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग, रिम्स।


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