मौसम विभाग का अलर्ट, झारखंड में वज्रपात की आशंका, खेत में जाने वाले किसान रहें सावधान
Weather Department Alert रविवार की शाम हुई बारिश (Rain) के बाद कृषि विभाग (Agriculture Department) मौसम विभाग ( Weather Department) एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग (Department of Environmental Science) सतर्क हो गया है। मौसम विभाग ने भी कई हिस्सों में गर्जन (Thunder) के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।
रांची, जागरण संवाददाता। Weather Department Alert : रविवार की शाम हुई बारिश (Rain) के बाद कृषि विभाग (Agriculture Department), मौसम विभाग ( Weather Department) एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग (Department of Environmental Science) सतर्क हो गया है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (Birsa Agricultural University) के नोडल अफसर ए वदूद ने किसानों (Farmers) के हित के लिए बाकायदा मौसम खेती परामर्श बुलेटिन (Weather Farming Advisory Bulletin) जारी कर किसानों को पहले से ज्यादा सतर्क हो जाने की सलाह दी है। वहीं मौसम विभाग ने भी आज और कल सूबे के कई हिस्सों में गर्जन (Thunder) के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।
वज्रपात होने की संभावना को लेकर पशु नहीं चराने की सलाह
मौसम विभाग की रिपोर्ट में इस बारिश का असर फसल पर भी पड़ने की बात कही गई है। यही नहीं पशुपालकों से भी खुली जगहों में आगामी तीन दिनों तक वज्रपात होने की संभावना को लेकर पशु नहीं चराने की सलाह दी गई है।
तापमान में भी 2 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि की संभावना जताई
बता दें कि सूबे के उत्तरी मध्य भाग में आज और कल कहीं कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की गर्जन के साथ बारिश और वज्रपात के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है। तापमान में भी 2 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि की संभावना जताई गई है।
तापमान में वृद्धि से किसानी होगी प्रभावित
तापमान में वृद्धि के संकेत के बीच किसानी के प्रभावित होने की भी संभावना बीएयू के विशेषज्ञों ने जताई है। तापमान में बदलाव होने से आलू की फसल में पाला मारने की संभावना है। इसके लिए किसान खेत के आसपास आग लगाकर रात के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही आलू की फसल में थायो यूरिया का छिड़काव करें।
आलू के खेत में 7-10 दिनों के अंतराल पर करते रहें पटवन
आलू के खेत में 7-10 दिनों के अंतराल पर पटवन करते रहें। 30 दिन पूर्व लगाई गई फसल में यूरिया का छिड़काव करने का यह सबसे उपयुक्त समय है। इस समय सरसों, बोदी, सेम, फ्रेंचबीन आदि फसलों में लाही कीट, टमाटर फूलगोभी और बंधगोभी में सुंडी कीट, प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट और हरा मटर में फली छेदक कीट के आक्रमण की संभावना है।
विशेषज्ञों की सलाह पर कर सकते हैं कीट नाशी दवाओं का छिड़काव
किसान इन कीटों से बचने के लिए कीट नाशी दवाओं का छिड़काव विशेषज्ञों की सलाह पर कर सकते हैं। जिन फसलों में फली का बनना शुरू हो गया है। उसमें फली छेदक कीट के आक्रमण की संभावना है। ऐसे में किसान मेटारिजियम एनिसोप्ली जो बाजार में काली चक्र के नाम से उपलब्ध है का छिड़काव 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर कर सकते हैं।
ये है मौसम विभाग की सलाह
- घर पर रहें, खिड़की और दरवाजे बंद रखें जहां तक हो सके भ्रमण न करें
- बाहर जाने के क्रम में सुरक्षित जगह पर रहें पेड़ के नीचे न रहें
- कांक्रीट फर्श पर न सोएं
- बिजली उपकरणों को बंद रखें
- बिजली उत्पन्न करने वाले उपकरणों को घर से दूर रखें।