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Jharkhand Monsoon Weather Updates: झारखंड के कई इलाकों में वज्रपात का अलर्ट, जानें कैसे बचें

Jharkhand Monsoon Weather Updates. दो जुलाई को साहिबगंज पाकुड़ जामताड़ा देवघर दुमका गोड्डा आदि जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:34 PM (IST)
Jharkhand Monsoon Weather Updates: झारखंड के कई इलाकों में वज्रपात का अलर्ट, जानें कैसे बचें
Jharkhand Monsoon Weather Updates: झारखंड के कई इलाकों में वज्रपात का अलर्ट, जानें कैसे बचें

रांची, जासं। Jharkhand Monsoon Weather Updates झारखंड के कई जिलों में मंगलवार को गरज के साथ वज्रपात होने की संभावना जताई गई है। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि एक जुलाई को भी राज्य के उत्तर-पूर्वी व उत्तर-पश्चिमी जिलों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ वज्रपात व हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। दो जुलाई को साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा, देवघर, दुमका, गोड्डा आदि जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

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तीन जुलाई को लातेहार, गढ़वा, पलामू, लोहरदगा आदि जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। चार व पांच जुलाई को राज्य के कुछ स्थानों पर गरज के साथ वज्रपात होने की संभावना है। चार जुलाई को लगभग सभी स्थानों पर, जबकि पांच को राज्य के कई स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी।

राजधानी रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में चार जुलाई तक बादल छाए रहेंगे। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि 30 जून को दो या दो से अधिक बार गरज के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। वहीं, एक से चार जुलाई तक एक-दो बार गरज के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी।

उपायुक्त ने बताए वज्रपात से बचने के उपाय

Know How to Escape from Thunderclap मानसून के वर्तमान मौसम में वज्रपात की संभावना ज्यादा रहती है। जब घने बादल व बूंदा-बांदी के साथ तेज हवा चले तो वज्रपात (ठनका) हो सकता है। इसके मद्​देनजर खूंटी के उपायुक्त सूरज कुमार ने जनहित में आम जनता से वज्रपात से बचने के उपायों पर अमल करने की अपील की है। उन्होंने वज्रपात से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि बारिश के समय बड़े पेड़ के नीचे खड़े न हों और ना ही पहाड़ों पर जाएं।

ऐसी जगह बिजली जल्दी गिरती है। यदि आप जंगल में हों तो बौने व घने पेड़ों की शरण में चले जाएं। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान वृक्षों, दलदली स्थानों तथा जल स्त्रोतों से यथासंभव दूर रहें। खुले आसमान में रहने से बेहतर है कि छोटे पेड़ के नीचे रहें। खुले आसमान में रहने की मजबूरी हो तो नीचे के स्थलों को चुनें। एक जगह पर कई आदमी इक्कठे न हों। दो लोगों के बीच की दूरी कम से कम 15 फीट होना चाहिए।

उपायुक्त ने बताया कि खेतों में काम कर रहे किसानों व मजदूरों को तत्काल सूखे व सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए। बारिश में नंगे पैर फर्श पर ना खड़े हों। पैरों के नीचे सूखी लकड़ी, प्लास्टिक या बोरा रखें। आंधी आते ही टीवी, रेडियो, कम्प्यूटर और सभी पावर प्लग निकाल दें।

उन्होंने कहा कि बिजली या लोहे के खंभे से सटकर खड़े ना हों। कपड़े सुखाने के लिए जूट, प्लास्टिक अथवा सूती की रस्सी का प्रयोग करें। धातु की डंडी वाले छाते के प्रयोग से बचना चाहिए। साथ ही घनघोर बारिश के मौसम में ज्यादा बाहर ना घूमें। मोबाइल या अन्य बिजली उपकरणों का कम से कम प्रयोग करें ताकि ठनका गिरने से उसकी चपेट में आने की संभावना ही ना हो।


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