हम जो लिखें उसी का रिजल्ट चाहिए
सीबीएसई के बाद अब सीआइएससीई बोर्ड ने फिलहाल 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : सीबीएसई के बाद अब सीआइएससीई बोर्ड ने फिलहाल 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। 12वीं के छात्रों को तो बाद में परीक्षा में शामिल होना ही है लेकिन 10वीं के छात्र-छात्राओं के पास बोर्ड ने विकल्प दे दिया है कि वे चाहें तो परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। जो शामिल नहीं होंगे उनके लिए बोर्ड एक मेकेनिज्म बनाकर रिजल्ट जारी करेगा। बोर्ड के इस फैसले से 10वीं के छात्रों के पास अब दोनों विकल्प हैं। ऐसे में रांची के स्कूलों के 10वीं के अधिकतर छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के पक्ष में हैं। इनका कहना है कि पूरे वर्ष आनलाइन पढ़ाई हुई। कुछ दिन पहले प्री बोर्ड परीक्षा हुई थी जो बहुत अच्छी नहीं गई। यदि बोर्ड रिजल्ट जारी करने का आधार प्री-बोर्ड को बनाता है तो उनका रिजल्ट ठीक नहीं होगा। वहीं अब बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने का अतिरिक्त समय मिल गया है। इसलिए वे परीक्षा में शामिल होना पसंद करेंगे।
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रांची से 8500 स्टूडेंट्स होते हैं शामिल
जेवियर स्कूल के प्राचार्य फादर संजय ने बताया कि रांची से 10वीं की परीक्षा में करीब 8000 और 12वीं में 500 स्टूडेंट्स शामिल होंगे। 10वीं का चल रही है प्रायोगिक परीक्षा
10वीं की परीक्षा 4 मई से शुरू होकर 7 जून तक चलनी थी। जबकि 12वीं की परीक्षा 4 मई से 18 जून तक होनी थी। रांची के आधे से अधिक स्कूलों में 10वीं की प्रायोगिक परीक्षा नहीं हुई है। वहीं 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा सभी स्कूलों में 8 व 9 अप्रैल को हो चुकी है। 10वीं बोर्ड परीक्षा में कुल 100 अंकों में प्रायोगिक परीक्षा व प्रोजेक्ट 10-10 अंकों का व 80 अंकों की थ्योरी की परीक्षा होती है। रांची के कई स्कूलों ने प्रायोगिक परीक्षा नहीं लेकर 20 अंकों का प्रोजेक्ट ही तैयार करवा लिया है। छात्रों को यह भी डर है कि यदि प्रोजेक्ट में कम अंक मिले तो रिजल्ट खराब हो जाएगा। इसलिए वे परीक्षा में शामिल होना चाह रहे हैं।
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छात्रों ने कहा
कोरोना के कारण परीक्षा स्थगित होना उचित है। तैयारी करने का मौका भी मिल गया है। मुझे परीक्षा में शामिल होना है ताकि जो पढ़ा है उसे दिखा सकूं। हम जो लिखें उसका रिजल्ट मुझे मिलना चाहिए न कि बोर्ड अपने अनुसार रिजल्ट दे। आनलाइन पढ़ाई बाद प्री-बोर्ड ठीक नहीं गया है। इसलिए भी परीक्षा में ही शामिल होना है।
- उत्कर्ष चौधरी, कक्षा-10वीं बोर्ड ने तो बेहतर तैयारी के लिए समय दे दिया है। इसलिए परीक्षा देकर ही रिजल्ट चाहिए। 10वीं की परीक्षा तो एक ही बार देनी है तो इससे क्यू् चूकें। प्री-बोर्ड की परीक्षा अच्छा नहीं गया है। इस आधार पर रिजल्ट जारी होगा तो बेहतर नहीं कर पाएंगे। वैसे तो अभी रिवीजन चल रहा था, लेकिन अब एक बार फिर टेक्स्टबुक पढूंगा।
- पीयूष कुमार, कक्षा-10वीं प्राचार्य ने कहा- रिजल्ट बेहतर करने का मौका
10वीं और 12वीं दोनों के छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड का निर्णय बहुत अच्छा है। 12वीं के छात्रों को तैयारी का समय दे दिया है तो 10वीं को समय के साथ विकल्प चुनने की स्वतंत्रता दे दी है। छात्रों को चाहिए कि वे अतिरिक्त समय का सदुपयोग करें। इसका फायदा उठाकर हर कोई अपने रिजल्ट में पांच प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर सकता है। जिन्हें उम्मीद 90 की थी वे चाहें तो 95 प्रतिशत कर सकते हैं।
- फादर संजय केरकेट्टा, प्राचार्य संत जेवियर स्कूल डोरंडा
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अभिभावक बढ़ाएं बच्चों का मनोबल
- कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच बोर्ड का फैसला सराहनीय है। सबसे पहले बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। आनलाइन में थोड़ी परेशानी तो जरूर हुई है। इसलिए तैयारी करने का अतिरिक्त समय भी मिल गया। अब छात्रों पर निर्भर करता है कि वे इस फैसले का किस रूप में फायदा उठाते हैं। अभिभावक भी बच्चों को क्वालिटी समय देकर उनका मनोबल बढ़ाते रहें।
- फादर मनोज, प्राचार्य संत फ्रांसिस, हरमू