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बेजुबान हाथी की मौत पर अफसरों में छिड़ी जुबानी जंग, वन विभाग व जिला प्रशासन आमने-सामने

Kaal Bhairav Died in Betla National Park लातेहार के बेतला नेशनल पार्क में पालतू हाथी काल भैरव की मौत पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। पलामू व्याघ्र परियोजना के उप निदेशक ने लातेहार उपायुक्त को पत्र लिखकर बरवाडीह के बीडीओ के बयान पर आपत्ति जताई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 12:47 PM (IST)
बेजुबान हाथी की मौत पर अफसरों में छिड़ी जुबानी जंग, वन विभाग व जिला प्रशासन आमने-सामने
अफसरों के बीच आरोप प्रत्‍यारोप चल रहा है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Kaal Bhairav Died in Betla National Park पलामू व्याघ्र परियोजना में पालतू हाथी काल भैरव को दो जंगली हाथियों ने मार डाला। मौत के लिए कौन दोषी है, इस पर अफसरों में जुबानी जंग छिड़ी है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है, एक-दूसरे को हदें बताई जा रही हैं। बरवाडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय के बयान को लेकर वन विभाग और जिला प्रशासन आमने-सामने हैं। पलामू व्याघ्र परियोजना के उप निदेशक ने इस संदर्भ को लेकर लातेहार के उपायुक्त को पत्र लिखा है और प्रखंड विकास पदाधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का आग्रह किया है।

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उपायुक्त को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि बरवाडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी मीडिया में बयान दे रहे हैं कि इस मामले में बेतला रेंज के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती गई। कह रहे हैं कि हाथियों को घनी आबादी के बीच न रखकर जंगल में रखा गया। पलामू व्याघ्र परियोजना के उप निदेशक ने सवाल उठाया कि घनी आबादी के बीच यदि पालतू हाथी उग्र होकर जान-माल की क्षति करते हैं तो क्या प्रखंड विकास पदाधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं।

कहा, प्रखंड विकास पदाधिकारी को वन्य प्राणी संरक्षण के कार्य में अपना मंतव्य देने का न तो कोई अधिकार प्राप्त है और न ही उन्हें इस संदर्भ में कोई प्रशिक्षण प्राप्त है। इस तरह का बयान देकर वे लोगों के बीच भ्रांति फैला रहे हैं जो कि गैर जिम्मेदाराना रवैया है। प्रेषित पत्र में यह भी कहा गया कि टाइगर रिजर्व की पूर्ण जिम्मेदारी वहां के क्षेत्र निदेशक की होती है।

सीसीएफ या क्षेत्र निदेशक या सरकार द्वारा निमित्त प्राधिकृत पदाधिकारी के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति की शिकायत पर कोई न्यायालय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत हुए अपराध पर संज्ञान नहीं ले सकता है। पीसीसीएफ एवं सीसीएफ इस संदर्भ में वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव को अपना प्रतिवेदन समर्पित करेंगे। यह विभाग प्रधान सचिव के दिशा निर्देश पर ही कार्य करता है। उनके द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उसकी जानकारी आपको दे दी जाएगी।

दस दिनों के भीतर फिर मृत पाया गया एक हाथी

पलामू व्याघ्र परियोजना क्षेत्र में दस दिनों के अंदर एक और हाथी की मौत का मामला सामने आया है। गारू पश्चिमी रेंज के रमनदाग जंगल में बुधवार को एक हाथी मृत पाया गया। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया। हाथी की मौत किस कारण से हुई है, इसका स्पष्ट खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। विदित हो कि 18 जनवरी को पलामू किला जंगल के समीप जंगली हाथियों ने काल भैरव नामक एक पालतू हाथी को मार डाला था।

पलामू व्याघ्र परियोजना क्षेत्र के निदेशक वाई के दास ने बुधवार को कहा कि मृत पाया गया हाथी काफी बूढ़ा हो गया था। इसलिए यह स्वाभाविक मौत है। उन्होंने हाथी के शिकार की आशंका से इन्कार करते हुए कहा कि मृत हाथी मखना था। इसलिए उसके शिकारियों द्वारा मारे जाने की आशंका नहीं है। मालूम हो कि बिना दांत के नर या मादा हाथी को मखना हाथी कहा जाता है।


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