अस्पतालों में बेड नहीं, बिलख रहे मरीजों के स्वजन, आक्सीजन लगाने तक के लिए स्वास्थ्य कर्मचारी व नर्स नहीं
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ राजधानी रांची में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
मनोरंजन, रांची :
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ राजधानी रांची में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों के बाहर लोग बिलख रहे हैं। रोने, चिल्लाने और सिसकने की आवाज चारों तरफ सुनाई देने लगी हैं। जिन मरीजों को भर्ती कर लिया गया है, उन्हें कोई देखने वाला नहीं है। स्वास्थ्य कर्मचारियों और नर्सों की कमी के कारण स्वजन ही अपने-अपने मरीजों को आक्सीजन लगाने से लेकर दवा दे रहे हैं। मरीजों को घर से अस्पताल और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हैं। शव को श्मशान पहुंचाने के लिए एंबुलेंस वाहन नहीं मिल रहे। स्वजन शव को अस्पताल से श्मशान गृह पहुंचाने के लिए 12-12 घंटे इंतजार कर रहे हैं। कोरोना जांच के लिए सैंपल बढ़ने के साथ रिम्स में दो प्राइवेट अस्पतालों से मदद ली जा रही है।
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कै मरे की नजर में
स्थान : रिम्स
समय : दोपहर 1.30 बजे
स्थिति : मरीजों के स्वजन अपने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। मदद नहीं मिलने के कारण स्वजनों के आंखों से आंसू निकल रहे है। रोने और सिसकने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। हर आने-जाने वाले से स्वजन मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
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स्थान : वार्ड, रिम्स
समय : दोपहर 2:30 बजे
स्थिति : मरीज अस्पताल के बेड पर पड़े हुए हैं। स्वजन मदद के लिए पास मौजूद हैं। मरीज को आक्सीजन लगाने तथा दवा देने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारी अथवा नर्स मौजूद नहीं है। मजबूरी में स्वजन ही सभी जरूरी चिकित्सा मदद उपलब्ध करा रहे हैं।
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स्थान : शवगृह, रांची
समय : अपराह्न 3 बजे
स्थिति : अस्पताल के शवगृह में 10 शव रखे गए हैं। इन सभी लोगों की मौत शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक हुई है। शवगृह के बाहर खड़े व्यक्ति ने बताया कि वह अपने स्वजन के शव को अस्पताल से दाह संस्कार के लिए भेजे जाने का इंतजार पिछले आठ घंटे से कर रहा है।