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विहिप का बड़ा एलान, अयोध्या में राम मंदिर बनने पर होगा अनुसूचित जाति का पुजारी

vishwa hindu parishad.विश्व हिंदू परिषद अनुसूचित जाति समेत दूसरे वर्गों में पुजारी बनाने के लिए झारखंड सहित पूरे देश में कर्म कांड का प्रशिक्षण दे रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 05:07 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 11:30 AM (IST)
विहिप का बड़ा एलान, अयोध्या में राम मंदिर बनने पर होगा अनुसूचित जाति का पुजारी
विहिप का बड़ा एलान, अयोध्या में राम मंदिर बनने पर होगा अनुसूचित जाति का पुजारी

रांची, [संजय कुमार] । विश्व हिंदू परिषद समाज में फिर से पुरानी परंपरा को स्थापित करते हुए हर वर्ग में पूजा कराने वालों को तैयार कर रही है। इसके लिए पूरे देश में प्रशिक्षण देने का काम जारी है। गांवों में पूजा कराने वाले ब्राह्मणों की संख्या कम होती जा रही है। जो बचे हैं वे शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे मंदिरों में साफ-सफाई एवं आरती में भी परेशानी हो रही है। इन समस्याओं को देखते हुए विहिप ने तय किया कि गांवों में मंदिर के आसपास रहने वाले लोग विधिवत रूप से आरती करने का काम करेंगे। इसके लिए उन्हें विधिवत प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इससे समाज में सामाजिक समरसता आएगी और हिंदू समाज रूढि़वादिता को त्याग कर गतिशीलता की ओर बढ़ेगी। इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही ने दैनिक जागरण से खुलकर बातचीत की। बातचीत में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने पर अनुसूचित जाति के लोगों को पुजारी बनाया जाएगा।

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प्रश्न -   समाज में हर वर्ग के लोगों को अर्चक एवं पूजारी का प्रशिक्षण देने के पीछे क्या उद्देश्य है?
उत्तर : समाज में पूजा कराने वाले लोगों की कमी होती जा रही है। गांवों में तो स्थिति ऐसी है कि जो ब्राह्मण वर्ग के लोग पूजा कराते थे उन्होंने दूसरा पेशा अपना लिया। पूजा कराने वाले जो बचे वे शहरों की ओर रुख कर लिए। इससे मंदिरों में आरती होनी भी बंद होने लगी है। इस समस्या को दूर करने के लिए विहिप ने तय किया कि हर वर्ग के लोगों को पूजा कराने का प्रशिक्षण देने का काम शुरू नहीं किया गया तो आने वाले समय में काफी परेशानी होगी। इससे गांवों के साथ-साथ शहरों में पूजा कराने वाले लोगों की कमी नहीं होगी। तय हुआ कि जहां पर मंदिर है उस आसपास के लोग वहां आरती कर सकेंगे। इसके लिए प्रशिक्षण देने का काम प्रारंभ किया, ताकि वे लोग विधिवत पूजा कर सकें।

प्रश्न- ऐसा तो नहीं कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस काम को प्रारंभ किया ताकि हिंदू समाज में अलग संदेश जाए?
उत्तर : ऐसा नहीं है। सभी वर्ग के लोगों को पुजारी एवं अर्चक का प्रशिक्षण देने का काम विहिप पिछले १२ वर्षों से अपने पुणे स्थित केंद्र पर  कर रही है। ऐसा नहीं है कि अभी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे प्रारंभ किया गया है। झारखंड में इस बार प्रारंभ किया गया। दूसरे प्रांतों में भी प्रशिक्षण का काम चल रहा है।

प्रश्न - समाज में सभी वर्ग के लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं क्या?
उत्तर : भारतीय समाज में वैदिक युग से लेकर मध्य युग तक मंदिरों में सभी वर्ग के लोग पूजा कराने का काम करते थे। वेद में ऐसे २२ ब्राह्मïणों की चर्चा है जो जन्म से इस कुल में पैदा नहीं लिए थे, लेकिन वेद मंत्रों की रचना की है। ऋगवेद के शुक्त ११६ से १२६ तक की रचना कच्छिवा नामक उस ऋषि ने की थी जो शुद्र कुल में पैदा हुए। वेद व्यास शुद्र कुल में पैदा हुए थे। नारद दासी पुत्र थे। वे लोग समाज में आज भी पूजनीय है। विहिप ने उसी पुरानी परंपरा को फिर से स्थापित करने का काम किया है। अब हिंदू समाज रूद्धिवादी को त्याग कर फिर से गतिशीलता को प्राप्त कर रहा है। यह विहिप की बड़ी सफलता है।

प्रश्न : ब्राह्ममण वर्ग के लोग इसे स्वीकार करेंगे क्या?
उत्तर - जी हां, ब्राह्ममण वर्ग के लोगों ने इसे स्वीकार किया है। पटना के हनुमान मंदिर में तो वर्षों से हरिजन पुजारी है, जहां प्रतिदिन हिंदू समाज के  हजारों लोग पूजा करने जाते हैं। हमारा उद्देश्य समाज में समरसता का वातावरण बनाना है न कि तनाव पैदा करना। इस पर ब्राह्ममण समाज के लोगों से काफी चर्चा करने के बाद इस अभियान को शुरू किया गया। संत समाज के लोगों से चर्चा हुई। उसके बाद विहिप ने इस अभियान को पूरे देश में चलाया है। वैसे भी पूजा तो कर्मकांड है, यह पेशा है।

प्रश्न- अयोध्या में जब राम मंदिर बनेगा तब वहां के पुजारी अनुसूचित जाति को बनाएंगे क्या?
उत्तर- अयोध्या में राम मंदिर का पुजारी अनुसूचित जाति के लोगों को अवश्य बनाएंगे। जब उस राम मंदिर का शिलान्यास अनुसूचित जाति के कामेश्वर चौपाल कर सकते हैं तो उस समाज के पुजारी क्यों नहीं बन सकते हैं। अयोध्या में गैर विवादित जमीन पर जब मंदिर का शिलान्यास हुआ था तो पहला ईंट बिहार के कामेश्वर चौपाल ने ही डाला था।


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