भूमि पट्टा की मांग कर रहे ग्रामीणों ने विधायक आवास घेरा, 5 घंटे तक बनाया बंधक Hazaribagh News
Jharkhand Hazaribagh News बरही के विधायक उमाशंकर अकेला घर में बंधक बने। पांच घंटे के बाद प्रशासन की पहल के बाद ताला खुला। ग्रामीण बाहर से उनके आवास के समक्ष प्रदर्शन करते हुए वन भूमि का पट्टा तथा आवास की मांग कर रहे थे।
चौपारण (हजारीबाग), जासं। वन भूमि पट्टा तथा आवास दिलाने की मांग को लेकर भूमिहीनों ने रविवार की सुबह बरही के विधायक उमाशंकर अकेला को लगभग पांच घंटे तक उनके ही घर में बंधक बनाए रखा। ग्रामीणों ने घर के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और बाहर प्रदर्शन करते रहे। लगभग पांच घंटे बाद प्रशासन की पहल पर ताला खुलवाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि चौपारण प्रखंड की दैहर और झापा पंचायत अंतर्गत भदान, कैरी पिपराही, लाल किशन चक इचाक के दर्जनों भूमिहीन बीते कई वर्षों से वन भूमि के पट्टे की मांग व प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीते 50 साल से उनके पूर्वज मिट्टी के मकान व झोपड़ी में रहते चले आ रहे हैं, लेकिन भूमि का पट्टा नहीं रहने से वह पक्का घर नहीं बना पा रहे हैं। बरसात में काफी दिक्कत होती है। वन विभाग द्वारा भी लगातार चेतावनी दी जाती है। कुछ वर्ष पहले वन विभाग ने मिट्टी की झोपड़ियों को ढाह दिया था।
उधर, इस बंधक बनाए जाने की सूचना के बाद प्रशासनिक महकमा सक्रिय हुआ। एसडीओ डाॅ. ताराचंद, डीएसपी नजीर अख्तर, सीओ गौरी शंकर प्रसाद, थाना प्रभारी विनोद तिर्की आदि मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को मनाने में जुट रहे। एसडीओ के आश्वासन पर लोग मान गए। लगभग पांच घंटे के बाद विधायक के घर का ग्रामीणों ने ताला खोला। उधर, एसडीओ ने कहा कि वन भूमि का पट्टा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। बावजूद योग्य भूमिहीनों की सूची बनाकर संबंधित विभाग को भेजी जाएगी।
डीसी और मंत्री को सूचना दी, फिर भी देर से पहुंचे एसडीओ : विधायक
विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि भूमिहीनों की मांग जायज है। चुनाव के दौरान उन्होंने वादा किया था। वर्ष 2010 व 2021 में उन्होंने विधानसभा में मामले को रखा था। पुन: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर विस्तृत विवरण देंगे। कोरोना के कारण अभी थोड़ी परेशानी है। इस वजह से ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हो सकी है। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। विधायक ने आरोप लगाया कि डीसी को फोन पर उन्होंने सूचना दी। मंत्री रामेश्वर उरांव से भी उन्होंने बात की, पर बरही एसडीओ देर से पहुंचे। उन्होंने मुझसे कोई संपर्क नहीं किया। इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करेंगे।