विश्व हिन्दू परिषद ने पाक को लताड़ा, आतंकवादियों का निर्यातक, अपने गिरेबान में झांके पाकिस्तान
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार को रोके भारत को नसीहत न दे।
रांची, जासं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुरुवार को विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि पड़ोसियों पर कीचड़ उछालने से पहले पाकिस्तान को वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति मुस्लिम कट्टरपंथियों व सरकार द्वारा प्रायोजित निर्मम अत्याचारों को रोकना चाहिए। पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई इत्यादि धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति 70 वर्षों से अनवरत रूप से किए जाने वाले धर्मांतरण, अमानवीय अत्याचार व हत्याएं जग जाहिर हैं। ऐसे लोगों को भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है।
प्रेस नोट जारी कर परांडे ने कहा है कि जो देश इस्लामिक आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर अन्य देशों में निर्यात करता है। विश्व भर के लाखों निहत्थे व निर्दोष लोगों की हत्या का पाप जिसके मत्थे पर है, उसके द्वारा भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप बेहद हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि संपूर्ण विश्व के हिंदुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है। इसे विदेशी आक्रमणकारी बाबर के सेनापति द्वारा तोड़ा गया। यहां के सर्वोच्च न्यायालय ने वह पवित्र भूमि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण हेतु हिंदू समाज को सौंपी है। उसके बारे में भी कुछ भी कहने का अधिकार पाकिस्तान को नहीं है।
पाकिस्तान के निर्मम अत्याचारों की कलई खोलता है नागरिकता संशोधन कानून
परांडे ने कहा कि हमारे यहां के नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की चिंता समझ आती है। यह कानून भारत के मुसलमानों से संबंधित नहीं होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने से संबंधित है तथा उनके निर्मम अत्याचारों की कलई खोलता है। यदि पाकिस्तान को इस पर शर्म आती है तो क्यों नहीं अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करता? कोरोना संकट के इस काल में भी उनके घरों को तोड़ा जा रहा है, भूखे मरने को मजबूर किया जा रहा है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत ने अपने लोक कल्याणकारी मार्ग पर चलते हुए ही वैश्विक संकट के इस काल में भी विश्व भर के अनेक देशों की मदद की है।