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विहिप के कार्याध्‍यक्ष आलोक बोले, देश में अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का चल रहा षड्यंत्र

Jharkhand. आलोक कुमार ने कहा कि देश में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वाली शक्तियों को रोकने की जरूरत है। कहा कि मुस्लिम बहुल बस्तियों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 08:49 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 08:49 AM (IST)
विहिप के कार्याध्‍यक्ष आलोक बोले, देश में अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का चल रहा षड्यंत्र
विहिप के कार्याध्‍यक्ष आलोक बोले, देश में अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का चल रहा षड्यंत्र

रांची, जासं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अखिल भारतीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि देश में अल्पसंख्यक वर्ग के मुस्लिमों एवं ईसाइयों को गुमराह करने का षड्यंत्र एक वर्ग विशेष से जुड़े लोगों द्वारा चल रहा है। उनके मन में असुरक्षा का भ्रम फैलाया जा रहा है। इसके कारण देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसी घटनाओं पर केंद्र व राज्य सरकारों को रोक लगाने की जरूरत है। वे शुक्रवार को पत्रकारों से ऑनलाइन वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल भी मौजूद थे।

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आलोक कुमार ने कहा कि हरियाणा का मेवात तो एक उदाहरण है, जहां से हिंदू पलायन कर चुके हैं। देश के कई गांव ऐसे हैं जो हिंदू विहीन हो चुके हैं। सिविल सोसायटी के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाले जानबूझकर अल्पसंख्यकों में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। इसके कारण जगह-जगह हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। चाहे बंगाल हो या असम, झारखंड हो या बिहार, कोई भी राज्य इससे अछूता नहीं हैं। इसलिए देश में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वाली शक्तियों को पहचान कर रोकने की जरूरत है।

कानून में विश्वास करती है विहिप

आलोक कुमार ने कहा कि विहिप कानून और शासन में विश्वास करती है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का समर्थन नहीं करती है, परंतु सवाल उठता है कि जब देश में मॉब लिंचिंग का शिकार होने वाला कोई हिंदू होता है तब मानवाधिकार की दुहाई देने वाले लोग कहां चले जाते हैं। तब देश में क्यों नहीं कोई प्रदर्शन होता है।

राम जन्मभूमि पर फैलाया गया भ्रम

उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जब आया तो मुस्लिम समाज के बीच भ्रम फैलाने का काम किया गया। इसी तरह धारा 370 को हटाने के समय किया गया। सीएए जब लाया गया तब भ्रम फैलाया गया कि देश में रहने के लिए मुस्लिमों से प्रमाण मांगे जाएंगे। इसलिए ऐसे लोगों को सबके सामने बेनकाब करने की जरूरत है।


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